HINDI STORY FOR LOVE
सौतेली माँ का दर्द
HINDI STORY FOR LOVE माँ की अहमियत मुझसे ज़्यादा कोई नहीं समझ सकता। माँ की छांव न हो तो ज़िंदगी बेरहम हो जाती है। जब मैंने अभी पाँव-पाँव चलना सीखा था, तभी वक्त ने मेरी माँ को मुझसे छीन लिया।
कुछ दिनों बाद, मेरे बाबा ने दूसरी शादी कर ली। सौतेली माँ ने मुझे पाला, भले ही वह मेरी सगी माँ न थी, लेकिन उसने मुझसे घर का सारा काम करवाना शुरू कर दिया।
जब तक मुझमें हिम्मत थी, मैं काम करती रही, लेकिन एक दिन इतनी मेहनत की वजह से मैं बीमार पड़ गई। इलाज के बाद भी हालत नहीं सुधरी, और मैं रोज़ कमज़ोर होती चली गई।
सौतेली माँ मुझसे ताने मारती रहती थी। उसे बस एक ही चिंता थी HINDI STORY FOR LOVE कि मैं जल्दी ठीक हो जाऊं और फिर से घर का सारा काम संभाल लूं। पर मैं ठीक होना ही नहीं चाहती थी।
HINDI STORY FOR LOVE वह मुझे बिस्तर पर पड़ा देख सहन नहीं कर पा रही थी। एक दिन उसने मेरे बाबा से कहा कि मुझे कुछ दिनों के लिए मेरी खाला के पास भेज दिया जाए, शायद वहाँ से मैं ठीक हो जाऊं।
खाला बदलापुर में रहती थी, और सौतेली माँ ने मुझे वहाँ छोड़ दिया। खाला ने मुझे बहुत प्यार दिया और धीरे-धीरे मैं ठीक होने लगी। खाला चाहती थीHINDI STORY FOR LOVE कि मैं आगे पढ़ूं, लेकिन मेरी सौतेली माँ ने मुझे इतना डरपोक बना दिया था कि बाहर जाने और पढ़ाई से मुझे नफरत हो गई थी।
मेरी खाला का एक ही बेटा था, साद। कभी वह मुझे अच्छा लगता, तो कभी बुरा। खाला का घर खुशहाल था और उन्होंने साद की परवरिश बहुत लाड़-प्यार से की थी।
HINDI STORY FOR LOVE साद बहुत सुंदर था, और जब अच्छे कपड़े पहनता, तो किसी शहज़ादे की तरह लगता। एक दिन जब मैंने उसे सलाम किया, तो उसने जवाब भी नहीं दिया, जिससे मुझे बहुत बुरा लगा।
खाला प्यार से मुझे काम सिखाती थी, जबकि सौतेली माँ ताने मारकर। खाला की बातों से दिल जीतने का अंदाज अलग था।
पर साद मुझसे नफरत करता था। जब भी उसे काम करवाना होता, तभी वह मुझसे बात करता। एक दिन उसने मुझसे अपने जूते पॉलिश करवाए।
HINDI STORY FOR LOVE मैं चुपचाप करती रही, लेकिन एक दिन उसने कहा, “तुम्हारे मुंह में भी पॉलिश लग गई है,” और हंसने लगा। मैं शर्मिंदा होकर वहाँ से चली गई।
फिर एक दिन उसने कहा, “मेरी शर्ट प्रेस कर दो।” मैं उसकी शर्ट प्रेस करने गई, लेकिन प्रेस स्टैंड नहीं मिला। उसने कहा, “मेरे कमरे में आकर प्रेस कर दो।” मुझे झिझक हो रही थी, पर खाला ने इजाजत दे दी।
HINDI STORY FOR LOVE उस दिन उसने कहा, “आज तुम बहुत अच्छी लग रही हो।” मैंने धन्यवाद कहा और उसे “भाईजान” कहा, तभी उसने मुझे ज़ोर से थप्पड़ मार दिया।
मुझे समझ नहीं आया कि अचानक ऐसा क्यों हुआ। वो बोला, “मुझे भाई मत कहो, और यहाँ से चली जाओ।” उस दिन के बाद मुझे उससे बहुत डर लगने लगा। फिर भीHINDI STORY FOR LOVE मैं उसके सारे काम करती रही, उसके हर आदेश का पालन करती रही।
HINDI STORY FOR LOVE एक दिन, वह बाहर जाने की तैयारी कर रहा था। मैंने उसकी मदद की, और जाते-जाते उसने कहा, “काश मैं तुम्हें अपने साथ ले जा सकता।” उसकी यह बात सुनकर मैं हैरान रह गई।
“नफरत के साए में छुपा प्यार”
कुछ दिन बाद मुझे अब्बा लेने आ गए, मैं खुश थी कि मैं इस सख़्त लहजे से बच जाऊंगी। सौतेली मां बीमार थी इसलिए अब्बा मुझे लेने आए थे। घर आते ही मुझे सारा काम करना पड़ा, फिर भी मैं खुश थी कि मुझे साद के हुक्म नहीं बर्दाश्त करने होंगे।
कुछ दिन बाद अम्मी ठीक हुईं, तो वो फिर से वही फ़रिश्तान बन गईं। अब्बा ने अम्मी का ऐसा रवैया देखा, तो मुझे फिर से ख़ाला के पास छोड़ गए।
HINDI STORY FOR LOVE ख़ाला ने बताया कि जबसे तुम गई हो, साद पता नहीं कहां रहता है, रातों-रात घर आता है, न जाने क्या करता है। ख़ाला ने कहा, “मैं सोने जा रही हूँ, साद आए तो उसे खाना देकर सो जाना।” ये सुनकर मेरी भूख मर गई, न जाने क्यों मुझे उससे खौफ आता था। थोड़ी देर बाद साद की गाड़ी की आवाज़ आई, तो मैं गाड़ी की आवाज़ सुनकर जल्दी से अपने कमरे में चली गई और जाकर वहीं सो गई। साद ने खुद ही खाना निकाला और खा लिया, मुझे बुलाया भी नहीं। फिर वो मेरे कमरे में आया, मेरी चादर ओढ़ा दी, लाइट बंद की और अपने कमरे में चला गया।
तभी मुझे एहसास हुआ कि उसके दिल में मेरे लिए कहीं न कहीं जगह है। ये सोचकर मुझे नींद नहीं आ रही थी। सुबह उठी तो देर हो चुकी थी, HINDI STORY FOR LOVE जल्दी-जल्दी नीचे गई तो देखा कि ख़ाला नाश्ता समेट रही थीं और मैं खड़ी देख रही थी। तभी ख़ाला बोलीं, “बेटा, तुम्हारे ख़ालू कपड़े प्रेस के लिए परेशान हो रहे होंगे, जाकर देखो।” जब मैं वहां गई, तो देखा कि ख़ालू खुद ही अपना सारा काम कर चुके थे। मैंने उनसे माफी मांगी, तो बोले, “बेटी, कोई बात नहीं, अगर आज तुम्हारी आंख देर में खुली तो क्या हुआ, तुम कोई नौकरानी थोड़ी हो इस घर की। हमें कभी-कभी खुद कर लेना चाहिए।”
HINDI STORY FOR LOVE मुझे बहुत खुशी हुई। ख़ालू बोले, “बेटा, साद से जाकर पूछ लो, शायद उसे ज़रूरत हो।” मैं साद के कमरे में गई और देखा, जो एक गिलास खुद से पानी नहीं पीता था, वो जूते पॉलिश कर रहा था। मैंने उसके हाथ से जूता और ब्रश ले लिया। बोला, “इतना क्यों परेशान हो? सो ही रही थी ना, कोई बात नहीं।” उसकी ये बात सुनकर मुझे थोड़ी तसल्ली हुई और मैंने उसके जूते पॉलिश किए। न जाने आज साद की इन बातों से मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे।
मन ही मन कर रही थी कि अब सारी ज़िंदगी यहीं रहूं, पर साद जो मुझे अपने पैरों की जूती समझता था, HINDI STORY FOR LOVE वो क्यों मुझे अपने गले का हार बनाएगा? मैं यही सोचती रही। आज पहली बार मुझे दूसरा एहसास हुआ, शायद ये लोग मुझसे प्यार करते हैं और मेरी यतीमी को भुलाकर मुझे वो मुकाम दे दें जो मुझे मिलना चाहिए।
“खत का राज़”
HINDI STORY FOR LOVE अगले दिन, साद की छुट्टी थी। वह अपने दोस्त से मिलकर घर जल्दी आ गया। ख़ाला किचन में थीं, और मुझे भी खुशी हो रही थी कि आज मेरी भी छुट्टी हो गई है। मैं भागकर गई और साद के कपड़े लिए। जैसे ही मैं उन्हें वॉशिंग मशीन में डालने वाली थी, उसकी शर्ट की जेब में कुछ महसूस हुआ। जब मैंने खोलकर देखा, तो हैरान रह गई—वह किसी लड़की का खत था।
उस खत में लिखा था, “तुम्हारे दोस्त डॉक्टर ने मुझे मुश्किल में डाल दिया है। वह मुझे दवा नहीं देता। मैं बहुत मुसीबत में हूँ, प्लीज़ मुझसे शादी कर लो, वरना मैं बदनाम हो जाऊंगी।”
यह पढ़ते ही मैं सन्न रह गई। खत वापस जेब में डालकर अपने कमरे में आई और न जाने क्या-क्या सोचने लगी। क्या साद इतना बुरा है? पता नहीं उसने कितनी लड़कियों को बर्बाद किया होगा। HINDI STORY FOR LOVEसमझ नहीं आ रहा था कि मैं क्यों इतनी रो रही थी।
HINDI STORY FOR LOVE मैंने तय कर लिया था कि अब मैं साद के ख्वाब नहीं देखूंगी। लड़के अक्सर लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद कर देते हैं। जितना हो सके, मैं साद से दूर रहूंगी और अपनी हिफाज़त खुद करूंगी।
थोड़ी देर बाद मुझे ख्याल आया कि कहीं वो खत ख़ाला के हाथ न लग जाए, वरना साद के लिए अच्छा नहीं होगा और वह ख़ाला की नज़रों में गिर जाएगा। तब ही मैं उठी और खत निकालकर अपने पास रख लिया। ख़ाला मेरे कमरे में आईं, मुझे लेटा देख वापस चली गईं।
थोड़ी देर बाद ख़ाला कपड़े धोने गईं, और पीछे-पीछे साद आ गया। शायद उसे वो खत याद आ गया था। उसने जल्दी-जल्दी अपने कपड़े देखे, मगर खत उसे नहीं मिला। ख़ाला से पूछने की हिम्मत न थी, मगर वह समझ गया कि खत माँ के हाथ नहीं लगा, क्योंकि ख़ाला के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी।
तभी वह मेरे कमरे में आकर आवाज़ देने लगा, “सबा, क्या तुम जाग रही हो?”
मैं तुरंत समझ गई कि साद खत के बारे में पूछने आया है। मैंने कुछ नहीं कहा और दरवाज़ा खोल दिया। फिर मैंने खत निकाला…
“मिट्टी का माधु”
सबा ने साद को वो खत वापस दे दिया। साद ने उसे लेते हुए पूछा, “क्या तुमने इसे पढ़ा?”
सबा ने सिर झुका कर कहा, “जी हां, मैंने पढ़ा।”
HINDI STORY FOR LOVEसाद की घूरती हुई नज़रें देख, सबा की आंखें फ़र्श की ओर टिक गईं। उसे ऐसा लग रहा था मानो मुजरिम वह हो, न कि साद। तभी उसकी सिसकियाँ निकल गईं और आंसू धीरे-धीरे बहने लगे। साद ने पूछा, “तुम क्यों रो रही हो? क्या किया है तुमने?”
सबा ने हिम्मत जुटाकर कहा, “आपने किसी की ज़िन्दगी बर्बाद की है, क्या आपको ज़रा भी रहम नहीं आया? आपको दुःख नहीं होता किसी को दुःख देकर?”
न जाने उसमें इतनी हिम्मत कहाँ से आ गई थी जो वह इतना कुछ बोल गई। HINDI STORY FOR LOVEउसे और भी ज़्यादा हैरत तब हुई जब उसने देखा कि साद उसकी हर बात खामोशी से सुन रहा था। जब वह अपनी बात खत्म कर चुकी, तो साद ने पूछा, “तुम्हें उस लड़की से इतनी हमदर्दी क्यों है? तुम नहीं जानती, वो अच्छी लड़की नहीं है, वरना मैं उससे ज़रूर शादी कर लेता। ख़ैर, तुम इस बात का ज़िक्र किसी से मत करना, समझी?” ये कहकर साद वहां से चला गया।
उन दिनों अब्बा आ गए थे।HINDI STORY FOR LOVE वे ख़ाला से सबा की शादी की बात करने आए थे। उन्होंने कहा, “आप तो जानती हैं, इसकी सौतेली माँ इसे बर्दाश्त नहीं करती, और मैं दिल का मरीज़ हूँ, इसकी शादी करनी है।” ख़ाला अब्बा का मतलब समझ गईं और बोलीं, “मैं दिल से चाहती हूँ कि अपनी बहन की निशानी को दिल से लगा कर रखूँ, लेकिन साद को राह पर लाना मुश्किल लगता है। दो-चार बार मैंने उससे बात करने की कोशिश की है, लेकिन वो बात को टाल देता है। तुम कुछ दिन रुक जाओ, मैं फिर बात करके देखती हूँ।”
उस दिन के बाद साद बिल्कुल बदल गया। HINDI STORY FOR LOVEवह हर वक्त घर में रहता, लेकिन सबा का सामना नहीं करता। जब सबा खाना लेकर जाती, तो साद बाहर चला जाता, और जब वह बाहर आती, तो साद अंदर चला जाता। सबा के मन में बार-बार यही ख्याल आता कि काश साद पहले भी ऐसा ही रहता। आखिर क्या बात है जो वह सबा से दूर भागता है?
अब्बा बीमार हुए, तो सबा को बुलाया गया। ख़ालू उसे घर छोड़ गए। जैसे ही वह पहुँची, उसकी सौतेली माँ ने उसकी हालत खराब कर दी। बातों-बातों में ताने देने लगी, “बेवकूफ़ हो, साद को अपने तरफ़ नहीं झुका सकी। तुझे ख़ाला के पास इसलिए छोड़ा था ताकि उनका बेटा तुझे पसंद करने लगे। वो दौलतमंद लोग हैं, ज़रा तुझमें कोई बात होती तो आज ऐश कर रही होती। हम तो तेरी शादी में इतना कुछ नहीं कर सकते।”HINDI STORY FOR LOVE सबा बस चुपचाप रोती रही, डर था कि कहीं अब्बा देख न लें। वे बीमार थे, और उन्हें और दुख होता।
अब्बा की बीमारी जानलेवा थी, और वे चल बसे। ये सहारा भी सबा का टूट गया। वह इतनी रोई कि आसमान भी रोया होगा। अब्बा के मरने के तीन महीने तक सबा अपनी सौतेली माँ के घर पर रही, उनकी और भाई-बहनों की खिदमत करती रही। HINDI STORY FOR LOVEसौतेली माँ उन दिनों गमज़दा थीं। एक दिन ख़ाला और ख़ालू आए और उसकी माँ से कहा, “हम इसका रिश्ता लेने आए हैं।” उसकी सौतेली माँ जैसी भी थीं, दिल से चाहती थीं कि सबा की शादी हो जाए और वह ख़ाला की ही बहू बने। शायद ख़ाला ने साद को मना लिया था और अब उसकी शादी उसी से हो रही थी।
HINDI STORY FOR LOVE जिस दिन शादी थी, सबा अपने माँ-बाप को बहुत याद कर-करके रोई और कई बार बेहोश हो गई। उसे बार-बार यह ख्याल आ रहा था कि अगर वो होते, तो उसे सिर पर हाथ रखकर रुख़्सत करते। शादी सादगी से हुई, कोई ज्यादा एहतमाम नहीं था। बाराती भी कम थे, क्योंकि यह साद की मर्जी थी कि शादी धूमधाम से न हो। लेकिन उसकी बरी (विवाह के उपहार)HINDI STORY FOR LOVE बहुत शानदार थी—इतनी कीमती और खूबसूरत कि लोग हैरान थे। जब उसे दुल्हन बनाकर आईना दिखाया गया, तो सबा खुद हैरान रह गई। आज उसे पता चला कि वह साद से भी ज्यादा खूबसूरत थी।
सजावट के साथ वही कमरा था, जिसमें सबा पहले नौकरानी की तरह सफाई करती और साद के जूते पॉलिश करती थी। वह डरते-डरते उस कमरे में कदम रख रही थी। HINDI STORY FOR LOVEअचानक उसे खत वाली बात याद आई और वह फिर से रोने लगी। तभी साद कमरे में आया और उसे हीरे की अंगूठी पहनाते हुए बोला, “तुम मेरी जीवनसाथी ही नहीं, मेरी राज़दार भी बन कर रहना, सबा। मैंने बहुत सी लड़कियाँ देखी हैं, लेकिन तुम्हारे जैसी नहीं। सभी तुम्हें मिट्टी का माधु कहकर बुलाते थे, न? आज कोई मुझसे पूछे कि इस मिट्टी के माधु का दिल सोने का है। यह कितना जानदार और कितना कीमती है!”
HINDI STORY FOR LOVE साद के मुँह से यह सब सुनकर सबा हैरान थी। फिर उसने सबा से मोहब्बत की। साद ने सबा को इतना प्यार दिया कि वह सारे गम भूल गई और अपनी ज़िंदगी में बहुत खुश हो गई।
लेखिका: माहेनूर