परिचय
राजू नाम का एक लड़का था, जो बहुत ही अमीर और स्मार्ट था। उस पर लड़कियां जान देती थीं। राजू का एक भाई भी था जिसका नाम अक्षय था। राजू के पड़ोस में दो लड़कियां रहती थीं, सोनल और मिनी। सोनल अक्षय को पसंद करती थी और मिनी राजू को। वो दोनों राठौड़ परिवार की बहू बनने के सपने देखा करती थीं। अक्षय सोनल से बहुत ही प्यार करता था, वहीं राजू मिनी को मुंह भी नहीं लगाता था क्योंकि राजू करिश्मा से बहुत प्यार करता था।
राजू और करिश्मा की प्यार की शुरुआत
Ishq Junoon:सुबह की ठंडी हवाएं चल रही थीं। राजू जिम गया हुआ था और वहीं करिश्मा उसे सबसे पहले उठकर कॉल करती है और उसका हाल-चाल पूछती है। राजू के चेहरे पर करिश्मा की एक कॉल से प्यारी सी मुस्कान आ जाती है। करिश्मा उसे बताती है कि वह अपने भाई की शादी की शॉपिंग के लिए मॉल जा रही है। राजू कहता है कि वह भी साथ आएगा, पर करिश्मा मना कर देती है और कहती है कि वह अपनी माँ के साथ जा रही है।
Ishq Junoon कुछ देर बाद वह लोग शॉपिंग के लिए निकल जाते हैं। करिश्मा के मना करने के बाद भी राजू उसी मॉल में आ जाता है, जहाँ करिश्मा गई होती है। करिश्मा उसे देखकर कहती है, “तुम यहाँ क्यों आए?” फिर वो दोनों मॉल जाते हैं, शॉपिंग करते हैं। तभी करिश्मा की माँ उसे फोन करती हैं और पूछती हैं, “बेटा, कहाँ हो तुम?” करिश्मा बताती है कि उसे एक रिंग पसंद आ गई थी, और वो उसे खरीद रही है। तभी वह राजू से कहती है, “मुझे जाना होगा, माँ की कॉल आ गई है।”करिश्मा के भाई की शादी हो जाती है। शादी में करिश्मा की माँ की दोस्त, नेहा भी आती है और वह अपने बेटे के लिए करिश्मा का हाथ मांगती है।
Ishq Junoon करिश्मा यह बात अपने पिता और भाई से बताती है। करिश्मा के पिता इस रिश्ते से बहुत खुश होते हैं। वहीं करिश्मा जब यह बात राजू को बताती है, तो राजू उससे कहता है, “ये सब क्या है? तुम मुझे छोड़कर किसी और से शादी कर लोगी?” राजू कहता है, “™ सिर्फ मेरी हो, मैं तुम्हें किसी और का नहीं होने दूंगा, करिश्मा।” करिश्मा मुस्कुरा कर कहती है, “हाँ बाबा, मैं तुम्हारी ही हूँ और तुम्हारी ही रहूंगी।” फिर वह राजू से कहती है, “™ अपनी माँ को बोलो, मेरे घर रिश्ता लेकर आएं।
राजू और उसकी माँ की बातचीत
Ishq Junoon:
राजू अपनी माँ से जाकर करिश्मा और अपने प्यार के बारे में बताता है और कहता है कि आप उसके घर मेरा रिश्ता लेकर जाएँ। पर राजू की माँ उसे कहती है, “ऐसा मैं कभी नहीं करूंगी। मैंने तुम्हारी शादी पहले ही फिक्स कर दी है।” फिर राजू कहता है, “ये क्या कह रही हो आप?”
किससे और कब?” उसकी माँ बताती है, “मैंने फैसला किया है कि मेरे घर की बहुएं सिर्फ और सिर्फ सोनल और मिनी ही बनेंगी।” राजू कहता है, “मैं कभी मिनी से शादी नहीं कर सकता। मैं करिश्मा से प्यार करता हूँ और सिर्फ उसी से शादी करूंगा।” यह कहकर वह ऑफिस चला जाता है। Ishq Junoonवहीं, राजू के घर सोनल और मिनी अपनी माँ के साथ आती हैं और वे ये सब कुछ सुन लेती हैं। तब मिनी और सोनल की माँ, राजू की माँ से कहती है, “ये सब क्या है? तुम्हारी वजह से मैंने अपनी बेटियों के रिश्ते कहीं नहीं किए और यहाँ तो मामला ही कुछ और है।”
Ishq Junoon राजू की माँ कहती है, “तुम परेशान मत हो, मेरे घर सोनल और मिनी ही आएँगी।” यह कहकर वह राजू और अक्षय की शादी की तारीख फिक्स कर देती है। शादी की तारीख अगले हफ्ते की होती है। वहीं करिश्मा की भी शादी की तारीख फिक्स हो जाती है।करिश्मा राजू को कॉल करती है और उसे बताती है कि उसके घरवालों ने उसकी शादी की तारीख तय कर दी है। वह पूछती है, “तुम कब भेजोगे अपनी माँ को?” राजू कहता है, “माँ ने तुम्हारे घर आने से मना कर दिया। तुम घर पर बात करो, मैं खुद आऊंगा।”
Ishq Junoon ये सारी बातें करिश्मा की भाभी सुन लेती है और वह उसके भाई को जाकर बता देती है। करिश्मा के भाई को ये सब पसंद नहीं आता और वह सारे घरवालों को ये सब बता देता है। तब करिश्मा के पिता गुस्से में कहते हैं, “इसकी शादी हमें जल्द से जल्द करनी होगी।” करिश्मा कहती है, “माँ-पापा, आप लोग एक बार राजू से मिल लो, वह एक बहुत अच्छा लड़का है।” पर उसकी कोई बात नहीं सुनता और उसे एक कमरे में बंद कर देते हैं।
अगले दिन करिश्मा की हल्दी
Ishq Junoon:
Ishq Junoonराजू, करिश्मा को कॉल करता है। सुबह से शाम हो जाती है और उसका मोबाइल ऑफ हो जाता है। तब राजू सोचता है, “ऐसा तो कभी भी नहीं किया उसने।वह थोड़ी देर बाद करिश्मा के घर जाता है। वहाँ जाकर वो शॉक्ड हो जाता है क्योंकि वहाँ करिश्मा की हल्दी हो रही होती है। उसे कुछ समझ नहीं आता। वह चोरी-छुपके किसी तरह करिश्मा के रूम में जाता है। उसे देखता है। तभी करिश्मा रोते हुए उसे गले से लगाकर कहती है, “ये लोग मेरी शादी जबरदस्ती करवा रहे हैं।” राजू उससे कहता है, “मेरे साथ भाग चलो।” लेकिन वह नहीं जाती। वह कहती है, “मैं अपने माँ-बाप की इज्जत का जनाजा निकालकर तुम्हारे साथ नहीं जा सकती। शायद किस्मत को यही मंजूर था।” राजू कहता है, “ऐसा मैं कभी नहीं होने दूंगा।”
दो दिन बाद
Ishq Junoon:
करिश्मा की शादी वाले दिन करिश्मा अपनी भाभी के साथ पार्लर तैयार होने जाती है। वहीं राजू की माँ ने अक्षय-सोनल और राजू-मिनी की शादी की भी एक ही तारीख रखी होती है। राजू इस बात से बिल्कुल अनजान होता है। राजू सुबह जब घर में भगदड़ देखता है, तो वह माँ से पूछता है, “Ishq Junoonआज कुछ है क्या?” राजू की माँ बोलती है, “आज तुम्हारी मिनी से और अक्षय-सोनल की शादी है।” राजू गुस्से में कहता है, “ये क्या कह रही हो? ऐसा कैसे हो सकता है? मैंने आपको कहा था,
मुझे करिश्मा से शादी करनी है, मिनी से नहीं।” यह कहकर वह वहाँ से चला जाता है। शादी के मंडप पर अक्षय-सोनल और मिनी सब राजू का इंतजार करते हैं। वहीं, राजू पार्लर जाकर करिश्मा को किडनैप करके अपने साथ ले जाता है।जब शादी हॉल में करिश्मा की भाभी अकेले जाती है, तो सब उससे पूछते हैं, “बारात आने वाली है। ये बताओ, करिश्मा को कितना वक्त लगेगा?” तभी वह बोलती है, “ये क्या कह रहे हैं आप लोग?
Ishq Junoonकरिश्मा तो एक घंटे पहले ही निकल गई थी।” सब बहुत परेशान हो जाते हैं। पार्लर के सीसीटीवी चेक किए जाते हैं, जिसमें बस करिश्मा को पार्लर से बाहर आते देखा जाता है। उसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा होता। तब सब उसे ढूंढने में लग जाते हैं। सब राजू के घर जाते हैं और वहाँ जाकर पूछते हैं। तब राजू की माँ बोलती है, “वो लड़की यहाँ नहीं आई और अगर आई भी, तो मैं उसे इस घर में आने नहीं दूंगी।” यह कहकर वह उन लोगों को बातें सुनाकर भेज देती है।
यहाँ सब राजू का इंतजार कर रहे होते हैं। वहीं, राजू करिश्मा को लेकर अपने फार्म हाउस में आ जाता है। करिश्मा को जब होश आता है, तो वह राजू को देखकर दंग रह जाती है और वह राजू से कहती है, “तुम मुझे यहाँ क्यों लेकर आए हो? मुझे मेरे घर लेकर चलो, मेरी बारात आ गई होगी। आज मेरी शादी है, तुम पागल हो गए हो क्या?” राजू बोलता है, “हाँ, मैं पागल हो गया हूँ। मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता और तुम्हारी बारात अब चली भी गई होगी।” करिश्मा, राजू को एक जोरदार थप्पड़ मारती है और कहती है, “मुझे अभी मेरे घर लेकर चलो।”
Ishq Junoonये कहकर वह गेट तक जाती है। तभी राजू गन निकालकर अपने सिर पर रख लेता है और करिश्मा से कहता है, “अगर तुम यहाँ से गई, तो मैं अपनी जान ले लूंगा।” करिश्मा ये देखकर राजू की तरफ कदम बढ़ाती है। तभी राजू कहता है, “मैं गन चला लूंगा। तुम मुझसे शादी करोगी या नहीं? तुम मुझसे शादी करोगी या नहीं? तुम मुझसे शादी करोगी या नहीं?” ” तब करिश्मा डर जाती है और वह कहती है, “हाँ, मैं
करिश्मा ने अगले दिन राजू से कहा, “मुझे मेरे घर ले चलो, मैं एक बार अपने बाबा से मिलकर उन्हें सब सच बताना चाहती हूँ। मैं उन्हें बताना चाहती हूँ कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया।” राजू ने सहमति में Ishq Junoonसिर हिलाया और कहा, “ठीक है, चलो।” दोनों लोग करिश्मा के घर पहुँचते हैं। करिश्मा दरवाजा खटखटाती है और कहती है, “बाबा, गेट खोलिए। बाबा, गेट खोलिए।” बेहाल और बेबस करिश्मा की आवाज़ सुनकर उसके घर वाले दरवाजे पर आते हैं।
Ishq Junoonकरिश्मा अपने पिता को सच्चाई बताने की कोशिश करती है, तभी उसके पिता कड़क आवाज़ में कहते हैं, “वहीं रुक जाओ, एक कदम मेरी तरफ मत बढ़ाना।” करिश्मा रोते हुए ” वह कहती है, “आप लोग एक बार मेरी बात सुन लें।”तभी उसके पिता कहते हैं, “जाओ यहाँ से, मुझे कुछ भी नहीं सुनना। तुमने हमें कहीं मुँह दिखाने के काबिल नहीं छोड़ा।” तभी वो वहाँ से जाते हुए कहते हैं, “ये लड़की अंदर न आने पाए। इसे धक्के देकर घर से बाहर निकाल दो।”
उसकी भाभी और भाई उसे और राजू को घर से धक्के देकर बाहर निकाल देते हैं।
इसी बीच करिश्मा के पिता की तबियत बिगड़ने लगती है। उन्हें लेकर सब अस्पताल के लिए निकलते हैं। बाहर खड़े राजू और करिश्मा उन्हें अस्पताल ले जाते हुए देखते हैं, तो वो भी पीछे-पीछे अस्पताल चल देते हैं। Ishq Junoonअस्पताल पहुँचते ही डॉक्टर कहते हैं, “आई एम सॉरी, हम उन्हें नहीं बचा सके।” ये सुनकर करिश्मा जोर-जोर से रोने लगती है। उसका भाई उसे अपने पिता को आखिरी बार देखने भी नहीं देता।
शमशान घाट में, करिश्मा अपने पिता की चिता के किनारे बैठकर रोती है और उनसे माफी मांगती है। कुछ देर बाद, राजू उसे अपने साथ फार्म हाउस वापस ले आता है। तभी वह करिश्मा के लिए पानी लेकर आता है। करिश्मा गुस्से में पानी का गिलास फेंकते हुए कहती है, “क्या मिला तुम्हें ये सब कुछ करके? तुम्हारी वजह से मैंने अपने पिता को खो दिया।”
राजू शांत स्वर में कहता है, “ऐसा मत कहो। अंकल के जाने का मुझे भी बहुत अफसोस है।”
Ishq Junoonकरिश्मा फिर गुस्से में बोलती है, “अफसोस? तुम्हारी ज़िद और घमंड में मैंने अपने पिता को खो दिया। इस प्यार-मोहब्बत के खेल में मैंने अपना सब कुछ हार दिया। तुम्हें क्या लगता है, तुम्हारी इस मोहब्बत को मैं अब अपने पास संभालकर रखूंगी?”
अगले दिन…
Ishq Junoon:
मिनी के माता-पिता, राजू की माँ से कहते हैं, “ये जो हरकत आपके बेटे ने की है, क्या कोई शरीफ घर का बेटा ऐसा करता है?” राजू की माँ धीरे से कहती हैं, “मैं क्या बताऊं? मेरा तो खुद इतना समझदार और अच्छा बेटा है, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि वो ऐसा करेगा।” मिनी के माता-पिता फिर कहते हैं, “अब बताइए, हम क्या करें? हम समाज को क्या मुँह दिखाएंगे और क्या कहेंगे? शादी मिनी से तय थी, और राजू की दुल्हन कोई और बन गई।”
राजू की माँ जवाब देती हैं, “आप परेशान न हों, राजू को आने दीजिए, मैं उससे बात करती हूँ।” कुछ देर बाद राजू घर आ जाता है। तभी उसकी माँ उससे पूछती हैं, “कहाँ थे तुम पूरी रात?” राजू जवाब देता है, “Ishq Junoonमैं करिश्मा के साथ था।”राजू की माँ हैरान होकर बोलती हैं, “इसका मतलब, उस “बेबाक लड़की के घर वाले जो कहकर गए थे, वो सही है कि वो लड़की अपनी शादी वाले दिन तुम्हारे साथ भाग गई?”
राजू गुस्से में कहता है, “प्लीज माँ, मैं उसके लिए ऐसे शब्द बर्दाश्त नहीं करूंगा।”राजू की माँ सख्त लहजे में कहती हैं, “तो क्या मैं वो बर्दाश्त करूंगी जो तुमने किया है? मेरा बेटा एक लड़की के प्यार में इतना पागल हो गया कि उसे उसके घर से भगा लाया।”Ishq Junoonराजू शांतिपूर्वक बोलता है, “मुझे मजबूरन यह सब करना पड़ा, माँ। मैंने आपसे कहा था कि उसके घर जाकर रिश्ता लेकर आएं, लेकिन आप अपनी जिद में नहीं गईं। अगर आप गई होतीं, तो मुझे ये सब कुछ नहीं करना पड़ता। मैंने उससे शादी कर ली है।”
तभी राजू की माँ कहती हैं, “जो गलती तुमने की है, उसे तुम अभी सुधारो। तुम उसे तलाक दो।” राजू कहता है, “मैंने इतना कुछ उसे पाने के लिए किया था, छोड़ने के लिए नहीं।”Ishq Junoonराजू की माँ गुस्से में कहती हैं, “अगर तुम उसे नहीं छोड़ोगे, तो मैं तुम्हें जायदाद से बेदखल कर दूंगी।” राजू शांत होकर कहता है, “ठीक है, मैं जा रहा हूँ, सब कुछ छोड़कर।” यह कहकर वह वापस फार्म हाउस चला जाता है।
वहां जाकर देखता है कि करिश्मा आत्महत्या करने जा रही होती है। तभी वह जाकर उसे रोक लेता है। करिश्मा गुस्से में कहती है, “छोड़ो मुझे, मैं तुमसे नफरत करती हूँ।”
Ishq Junoonराजू शांतिपूर्वक कहता है, “ठीक है, नफरत करती रहो, मगर मैं यह नहीं होने दूंगा। करिश्मा, मुझे तुम्हारे बाबा के जाने का दुख है। मुझे थोड़ा सा वक्त दो, मैं तुम्हारा दामन साफ करूँगा।”करिश्मा रोते हुए कहती है, “मुझे तुम पर और तुम्हारी बातों पर कोई भरोसा नहीं है।”राजू थोड़ा सख्त लहजे में बोलता है, “मरना चाहती हो, तो मरो।”करिश्मा चौंककर कहती है, “तुम्हें क्यों मारूंगी? मैं खुद को मारूंगी, ताकि तुम्हें प्यार करने की थोड़ी तो सजा मिले और मेरे पीछे तुम मेरी मौत का गम मनाओ।”
तभी राजू गुस्से में कहता है, “ये तुम्हारी भूल है। मैं ऐसा कुछ भी नहीं करने वाला हूँ। तुम्हें लगता है कि तुम्हारे मरने के बाद मैं तुम्हारा गम मनाऊंगा? नहीं, बल्कि मैं खुद को खत्म कर लूंगा। Ishq Junoonइस घर से एक नहीं, दो लाशें एक साथ निकलेंगी। मरने के बाद भी मुझे तुमसे कोई जुदा नहीं कर सकता। अगर मुझे तकलीफ देकर तुम्हें सुकून मिलता है, तो देती रहो मुझे तकलीफ, क्योंकि तुम्हारा सुकून मुझे सबसे ज्यादा अजीज है।”
कुछ देर बाद…
Ishq Junoonकरिश्मा कमरे में होती है, तभी राजू वहाँ सोने के लिए आता है। करिश्मा अपना सामान लेकर वहाँ से बाहर की तरफ जाने लगती है। तभी राजू करिश्मा से पूछता है, “कहाँ जा रही हो तुम?”
करिश्मा गुस्से में कहती है, “मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना है। जब-जब तुम्हें देखती हूँ, मुझे मेरे बाप का कातिल नजर आता है।”राजू शांत स्वर में कहता है, “क्या तुम सच में मेरे साथ नहीं रहना चाहती?”Ishq Junoonकरिश्मा दृढ़ता से बोलती है, “नहीं, जिस मोहब्बत से तुम मुझे जीतकर लाए हो, उसे मैं हार में न बदल दूं, तो कहना।”
राजू गंभीर होकर कहता है, “जो पहले से ही तुमसे हारा हुआ हो, उसे क्या हराओगी?” यह कहकर वह कमरे से बाहर चला जाता है। जाते-जाते वह कहता है, “तुम यहाँ सो जाओ, मैं बाहर चला जाता हूँ।”
अगले दिन करिश्मा का घर
Ishq Junoon:
Ishq Junoon:
करिश्मा की माँ अपने पति की तस्वीर देखकर उन्हें याद कर रही होती है। तभी करिश्मा की भाभी गुस्से में आकर कहती है, “आपके बेटे ने मुझे खाने के लिए भेजा है।”करिश्मा की माँ थकी हुई आवाज़ में कहती है, “बेटा, मुझे भूख नहीं है।”
Ishq Junoon:इस पर उसकी भाभी और भी गुस्से में बोलती है, “ये क्या नाटक लगा रखा है आपने? कभी भूख नहीं, कभी मन नहीं, कभी मूड नहीं। ये रोज़ का तमाशा बना लिया है आपने। मैं इतनी गुलामी नहीं कर सकती आपकी!” यह कहकर वो वहाँ से चली जाती है।
Ishq Junoon:तभी वहाँ राजू पहुँचता है तो करिश्मा की भाभी आती है और कहती है, “अब क्या लेने आए हो यहाँ? तुम लोग चाहते क्या हो? सब तो ले जा चुके हो।” तभी वहाँ करिश्मा का भाई भी आ जाता है और वो बोलता है, “क्या करने आए हो तुम यहाँ? यहाँ से जाओ।”
राजू कहता है, “मैं बताने आया हूँ कि इसमें करिश्मा की कोई गलती नहीं है।”करिश्मा का भाई कहता है, “हमें कुछ नहीं सुनना, निकलो यहाँ से!”वो उसे धक्के मारकर निकाल देता है। जब वह घर जाता है, तो करिश्मा उसकी यह हालत देखती है और कहती है, “ये क्या हुआ?”
Ishq Junoon:राजू कहता है, “मैं गिर गया था। तुम्हारे भाई ने मुझे मारकर निकाल दिया।”तभी करिश्मा कहती है, “तुम्हें क्या ज़रूरत थी वहाँ जाने की? वो लोग अब हमारी किसी भी बात पर यकीन नहीं करेंगे।”राजू कहता है, “मुझसे तुम्हारा इस तरह परेशान रहना नहीं देखा जाता।”करिश्मा कहती है, “बस कर दो अब। अब कुछ भी नहीं हो सकता। परेशान थी, मरी नहीं थी, जो तुम वहाँ पहुँच गए।”
Ishq Junoon:वहीं करिश्मा की माँ अपने बेटे से कहती है, “तुमने मुझसे वादा किया था कि तुम उन्हें नुकसान नहीं पहुँचाओगे।”तभी वो बोलता है, “मैंने वादा ज़रूर किया था, इसका मतलब ये नहीं कि वो लोग मेरे सामने आकर मुझे ज़लील करें और मैं कुछ भी ना करूँ।”वहीं मिनी को इस बात का ग़म रहता है कि राजू ने उसे छोड़कर किसी और से शादी कर ली। वो उसे कॉल करती है, तभी उसका नंबर ब्लॉक बता रहा होता है। मिनी गुस्से में मोबाइल फेंककर बोलती है, “इसने मेरा नंबर भी ब्लॉक कर दिया।”
उधर करिश्मा की माँ का कॉल आता है करिश्मा के पास। अपनी माँ का कॉल देखकर वो बहुत खुश होती है। तभी उसकी माँ उसे बातें सुनाती है, “जब तुमने अपनी मनमानी कर ली, तो बार-बार क्यों आती हो यहाँ?”तभी करिश्मा अपनी माँ से बोलती है, “इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है।”
उसकी माँ कहती है, “जो होना था, हो गया। अब आगे बढ़ो, बार-बार यहाँ मत आया करो। आज तो तुमने राजू को यहाँ भेज दिया। अगर वो दुबारा यहाँ आया तो मैं तुम्हें कभी माफ़ नहीं करूंगी। मेरा पति तो मर चुका, अब मुझमें बेटे को खोने की हिम्मत नहीं है। प्लीज़ अब तुम यहाँ मत आना। बस खुश रहो तुम। अब कभी यहाँ मत आना। तुमने अपने सारे रिश्ते खुद खो दिए। काश तुमने ये सब ना किया होता, जिसकी वजह से ये सब सहना पड़ रहा है तुम्हें।”
वो गुस्से में राजू के पास जाती है और कहती है, “तुम आइंदा मेरे घर जाकर कोई सफाई नहीं दोगे।”राजू कहता है, “मेरी वजह से तुम्हारे दामन पर जो दाग लगा है, उसे मैं साफ़ करके रहूंगा।” ये कहकर वो वहाँ से चला जाता है।
अगले दिन राजू का घर:
राजू का भाई अक्षय अपनी माँ से कहता है, “माँ, मिनी की शादी हो रही है। सोनल ने मुझे बताया कि आज उसे देखने लड़के वाले आ रहे हैं।”तभी उसकी माँ कहती है, “कौन सा? उसकी शादी हो रही है?”अक्षय कहता है, “माँ, आप तो ऐसे कह रही हैं जैसे आपको फर्क नहीं पड़ता।”माँ कहती है, “बेटा, मैंने एक बार कह दिया, मेरे घर की बहू मिनी बनेगी तो वही बनेगी। फिर राजू की मर्ज़ी हो या ना हो।”
वो चाल चलती है और राजू के फार्महाउस जाती है और राजू से कहती है, “बेटा, मैं तुम्हें और अपनी बहू को लेने आई हूँ।”ये बात सुनकर करिश्मा कहती है, “इस भूल में बिल्कुल न रहिएगा कि मैं आपके साथ जाऊंगी। न मैं आपकी बहू हूँ, न मुझे उस घर में जाना है।”तभी वो राजू से कहती है, “बेटा, ये क्या कह रही है ये?”
करिश्मा की माँ अस्पताल में:
Ishq Junoon:
कुछ दिन बाद करिश्मा की माँ की तबियत खराब हो जाती है। करिश्मा का भाई और भाभी उन्हें लेकर अस्पताल जाते हैं। वहीं, राजू और करिश्मा भी उसी अस्पताल में आते हैं, एक छोटे से बच्चे को लेकर, जो उनकी गाड़ी के सामने आ गया था। उसे बहुत चोट लगी होती है, और वे उसे अस्पताल में ड्रेसिंग करवा रहे होते हैं। तभी करिश्मा अपने भाई को देखती है और डर जाती है कि कहीं माँ को कुछ नहीं हो गया हो।
वो अपने भाई का पीछा करते हुए अपनी माँ के कमरे में पहुँच जाती है। अस्पताल के बिस्तर पर अपनी माँ को लेटा देखकर वो खुद को रोक नहीं पाती और कमरे के अंदर जाकर माँ से उनका हाल पूछती है। तभी पीछे से राजू भी आ जाता है।Ishq Junoon:
Ishq Junoon:करिश्मा अपने कदम बढ़ाकर अपनी माँ की तरफ जाती है, तभी करिश्मा का भाई उसे रोकते हुए बोलता है, “तुम हमारे पास और हमारे साथ रहना चाहती हो?”करिश्मा बोलती है, “हाँ, भाई।”तभी उसका भाई कहता है, “मैं एक शर्त पर तुम्हें माफ़ करता हूँ। तुम्हें इससे तलाक लेना होगा।”तभी करिश्मा राजू की तरफ देखते हुए कहती है, “भाई, मैं छोड़ दूंगी उसे… भाई, मैं छोड़ दूंगी।”ये सुनकर राजू की आँखों से आँसू आ जाते हैं। करिश्मा की माँ उसे रोते हुए देखती है और उन्हें ये एहसास होता है कि उनकी बेटी को राजू से ज़्यादा कोई खुश नहीं रख सकता। तभी सब वहाँ से चले जाते हैं।
Ishq Junoon:करिश्मा की माँ उसे रोकते हुए कहती है, “बेटा, तुमने जो हमसफर चुन लिया, अब इस रिश्ते को निभाने की कोशिश करो। तुम्हें क्या लगता है, तुम्हारे भाई-भाभी तुम्हें सुकून से जीने देंगे? ऐसा कभी नहीं करेंगे। उनके दिल पूरी तरह पत्थर हो चुके हैं। सब कुछ भूलकर अब इस रिश्ते को निभाने की कोशिश करो।”
तभी करिश्मा को अपनी माँ की बोली हुई बात याद आ जाती है। वहीं, राजू फार्महाउस में तलाक के कागज़ात पर साइन करने के लिए पेन उठाता है। तभी करिश्मा उसका हाथ पकड़कर बोलती है, “समझते क्या हो तुम खुद को? जब चाहो अपना बना लो, जब चाहो छोड़ दो?”Ishq Junoon:
Ishq Junoon:राजू कहता है, “तुमने अपने भाई से कहा था, तभी मैंने ये किया। तुम्हारी खुशी के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ, कुछ भी।”
तभी करिश्मा उसे गले लगाकर बोलती है, “मुझे माफ़ कर दो, मैं तुम्हारे प्यार को समझ नहीं पाई।”फिर दोनों एक साथ खुशी-खुशी रहने लगते हैं। राजू को उसका खोया हुआ प्यार भी मिल जाता है, और वे दोनों प्यार से रहने लगते हैं।फिर करिश्मा का भाई करिश्मा को कॉल करके बोलता है, “तुम घर नहीं आई।”तभी करिश्मा बोलती है, “भाई, मैं आप लोगों को छोड़ सकती हूँ, पर राजू को नहीं।” ये कहकर वो कॉल काट देती है।
कुछ दिन बाद राजू की माँ, राजू के फार्महाउस आती है, उसे लेने। तब वे दोनों उनके साथ हवेली चले जाते हैं। वहाँ करिश्मा का भाई और भाभी मनाली गए होते हैं अपने हनीमून के लिए। तभी करिश्मा की माँ की तबियत खराब होने लगती है।Ishq Junoon:
वो करिश्मा को कॉल करके कहती है। देर रात, करिश्मा और राजू उन्हें घर से अस्पताल लेकर जाते हैं। वहीं से करिश्मा अपने भाई को कॉल करती है। तब वे लोग भी वहीं से वापस आ जाते हैं।
करिश्मा का भाई करिश्मा से माफी मांगता है और कहता है, “अगर आज तुम लोग न होते, तो पापा की तरह हम माँ को भी खो देते।”इस तरह, करिश्मा का परिवार उसे माफ़ कर देता है और सब साथ रहने लगते हैं।वहीं, जब राजू की माँ को पता चलता है कि करिश्मा माँ बनने वाली है और उन्हें उस हवेली का वारिस देने वाली है, तो वो भी उसे अपना लेती है। और सब एक साथ खुशी-खुशी रहने लगते हैं।