Love Story In Hindi Ek Love Story Hindi Story Love
परिचय
Love Story in Hindi यह कहानी है उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में रहने वाली रोशनी की। रोशनी एक बहुत ही सुंदर और समझदार लड़की थी। वह बेहद दयालु थी और हमेशा दूसरों की मदद करने में लगी रहती थी। उसे सामाजिक कार्यकर्ता बनना बेहद पसंद था।
वहीं, रोशनी के पिता उस शहर के एक बड़े बिज़नेसमैन थे। अपनी पत्नी सुमित्रा को एक कार दुर्घटना में खोने के बाद, उन्होंने अपनी बेटी रोशनी से अत्यधिक प्रेम करना शुरू कर दिया। उन्होंने रोशनी को बड़े नाज़ और प्यार से पाला था।
रोशनी सामाजिक कार्यों में व्यस्त रहते हुए अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी कर रही थी।
अंजानी सी मुलाकात…
Love Story in Hindi एक दिन रोशनी सड़क पर गरीब बच्चों और लोगों की मदद कर रही होती है, तभी उसकी मुलाकात शुभम से होती है। शुभम बुलंदशहर के एक बड़े आदमी का बेटा था। शुभम के माता-पिता का देहांत हो चुका था, और वह अपने भाइयों के साथ रहता था। शुभम के पिता उस शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छे इंसान भी थे। उनके निधन के बाद शुभम और उसके भाइयों ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी गलत काम न हो, इसी वजह से उनके कई दुश्मन भी थे।
उस दिन कुछ लड़के सड़क पर बदतमीजी कर रहे थे, तभी शुभम आकर उन्हें समझाता है। रोशनी, शुभम के इस व्यवहार से प्रभावित हो जाती है और दोनों के बीच एक अच्छी दोस्ती हो जाती है। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती गहरी होने लगती है।
कुछ महीने बाद…
रोशनी और शुभम की दोस्ती कब प्यार में बदल गई, उन्हें इसका अंदाजा ही नहीं हुआ। शुभम, रोशनी का बहुत ख्याल रखता और उसे दिल से प्यार करता था। वहीं, रोशनी भी शुभम के साथ खुद को बहुत सुरक्षित महसूस करती थी। Love Story in Hindi एक दिन रोशनी ने शुभम से कहा, “शुभम, क्या तुम्हें नहीं लगता कि हमें अब अपनी फैमिली में बात कर लेनी चाहिए और शादी कर लेनी चाहिए?”
शुभम बोला, “रोशनी, मेरी फैमिली में किसी को कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। तुम्हें पता है, मेरी फैमिली में सिर्फ मेरे बड़े भैया हैं, और उन्हें भी कोई आपत्ति नहीं होगी। Love Story in Hindi लेकिन मुझे अभी ये वक्त सही नहीं लगता, क्योंकि मैं चाहता हूं कि पहले मेरे भैया की शादी हो जाए, फिर हम करेंगे।”
रोशनी ने पूछा, “तो तुम्हारे भैया शादी क्यों नहीं कर रहे?”
शुभम ने जवाब दिया, “भैया जिस लड़की से प्यार करते हैं, उसके पापा नहीं मान रहे। उन्हें लगता है कि हम लोग बिगड़े हुए और गुंडे हैं।”
रोशनी ने हैरानी से कहा, “अरे, ये क्या बात कर रहे हो तुम?”
Love Story in Hindi शुभम ने सिर हिलाते हुए कहा, “हां, रोशनी, बिल्कुल सही। तुम मुझे ये बताओ, भैया जिस लड़की से प्यार करते हैं, क्या वो भी उनसे प्यार करती है और शादी करना चाहती है?”
“हां, शुभम,” रोशनी ने कहा, “लेकिन भाभी का कहना है कि वो अपनी फैमिली के खिलाफ जाकर शादी नहीं कर सकती।”
“ठीक है,” शुभम बोला, “तुम मुझे कल क्लॉक टावर पर मिलो।”
“अच्छा, ठीक है, लेकिन वहाँ क्यों?” रोशनी ने पूछा।
“तुम मिलो तो सही, कल बताती हूँ,” उसने मुस्कुराते हुए कहा, “अब मुझे चलना है, बाय बाय।”
क्लॉक टावर
Love Story in Hindi दिन शुभम, रोशनी से क्लॉक टावर पर मिलता है। रोशनी शुभम की गाड़ी में बैठते ही कहती है, “ये गाड़ी भाभी के घर पर रोकना।”
शुभम हैरान होकर बोला, “तुम पागल हो गई हो! उनके पापा नहीं मानेंगे।”
रोशनी ने मुस्कुराते हुए कहा, “शुभम, मेरी बात सुनो और गाड़ी चलाओ।”
शुभम और रोशनी उनके घर पहुँच जाते हैं। वहाँ रोशनी, भाभी के पिता को मनाने की कोशिश करती है और उन्हें यह यकीन दिलाती है कि भाभी का ख्याल उनके भाई के अलावा कोई और नहीं रख सकता।
“अंकल, प्लीज इनकी शादी के लिए मान जाइए। इन्हें कभी कोई समस्या नहीं होगी। मैं इस बात की गारंटी लेती हूँ,” रोशनी ने दिल से कहा।
Love Story in Hindi बहुत मनाने के बाद वे मान जाते हैं और कुछ ही दिनों में उनकी शादी हो जाती है। सभी हंसी-खुशी से रहने लगते हैं। भाभी एक दिन रोशनी से कहती हैं, “अब तुम मेरी देवरानी बनकर आ जाओ, तो हम सब साथ मिलकर रहेंगे।”
रोशनी शर्माते हुए वहाँ से चली जाती है।
शुभम, रोशनी को उसके घर छोड़ने जाता है। रोशनी के पिता शुभम को देखते हैं और गुस्से से लाल हो जाते हैं, लेकिन वे रोशनी से कुछ नहीं कहते। रोशनी अपने कमरे में जाकर सो जाती है।
अगले दिन – कॉफी कैफे
अगले दिन रोशनी और शुभम कॉफी कैफे में मिलते हैं। रोशनी कहती है, “शुभम, अब तो हमें शादी कर लेनी चाहिए।”
शुभम खुश होते हुए बोला, “हाँ, रोशनी, चलो फिर आज तुम्हें अपने पिता से मिलवाता हूँ।”
रोशनी शुभम को अपने घर लेकर जाती है। वह बहुत खुश होती है और अपने पिता से कहती है, “डैड, मैं आपको किसी से मिलवाना चाहती हूँ।”
रोशनी के पिता हैरान होकर बोले, “अच्छा! कौन है वो?”
रोशनी, शुभम को अंदर आने को कहती है। शुभम अंदर आता है। रोशनी कहती है, “डैड, मैं और शुभम एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और हम शादी करना चाहते हैं।”
रोशनी के पिता गुस्से में बोले, “तुम जानती हो कि तुम क्या कह रही हो? मैं इस घर में अपनी बेटी को ऐसे लड़के से शादी नहीं करने दे सकता, जो गुंडा-मवाली हो।”
Love Story in Hindi रोशनी ने समझाने की कोशिश की, “पापा, आप गलत समझ रहे हैं। ये लोग सिर्फ लोगों की मदद करते हैं। मारपीट करके मदद नहीं की जाती, लेकिन लोग इन्हें बुरा दिखाना चाहते हैं ताकि ये किसी की नज़रों में अच्छे न बनें।”
“मैं कुछ नहीं जानता! तुम्हारी शादी इस लड़के से हरगिज़ नहीं हो सकती,” उनके पिता ने सख्ती से कहा। “मैंने तुम्हारी शादी दुनिया के एक बड़े बिज़नेसमैन के बेटे अरव से तय कर दी है। Love Story in Hindi तुम्हें मेरा फैसला मानना होगा, और अगर तुम्हें इस लड़के से शादी करनी है, तो तुम्हें मुझे छोड़ना होगा।”
रोशनी अपने पिता और प्यार के बीच फँस जाती है। तभी शुभम, रोशनी से कहता है, “मैं इतना खुदगरज नहीं हो सकता कि अपने प्यार के लिए किसी की बेटी को उसके पिता से छीन लूँ।Love Story in Hindi मैंने हमेशा चाहा था कि हमारी शादी दोनों परिवारों की मर्ज़ी से हो, लेकिन अब हमें अलग होना होगा।”
Love Story in Hindi रोशनी बहुत रोती है, लेकिन शुभम उसके आंसुओं को सहन नहीं कर पाता। वह रोशनी के पिता से कहता है, “मैं इसके आंसू नहीं देख सकता। ये अब कभी नहीं रोनी चाहिए।” इतना कहकर वह वहां से चला जाता है।
कुछ महीने बाद…
Love Story in Hindi रोशनी की शादी अरव से हो रही होती है। शादी के बाद, जब उसकी विदाई हो रही होती है, तभी अरव के दुश्मन आकर उस पर हमला करते हैं और गोली मार देते हैं। अरव वहीं मर जाता है, और रोशनी उसकी विधवा बनकर ससुराल में रहने लगती है।
रोशनी के पिता उसे लेने जाते हैं, लेकिन अरव के पिता कहते हैं, “ये अब हमारे घर की बहू और इज़्ज़त है। इसका यहाँ से अर्थी ही जाएगी। अब ये आपके पास नहीं आ सकती। Love Story in Hindi अगर आप कुछ दिन अपनी बेटी के पास रहना चाहते हैं, तो रह सकते हैं।”
कुछ समय बाद रोशनी के पिता को यह पता चलता है कि जहाँ उन्होंने अपनी बेटी दी है, वो लोग दुनिया के बड़े डॉन हैं। अब वे अपनी बेटी को वहाँ से नहीं निकाल सकते थे।
वहीं, शुभम अब भी रोशनी को भूल नहीं पा रहा था। उसके भाई उसे उसकी बचपन की दोस्त सिमरन के पास भेज देते हैं। सिमरन शुभम की बहुत अच्छी दोस्त थी और बचपन से ही उससे प्यार करती थी।
Love Story in Hindi अरव के पिता, अरव की आत्मा की शांति के लिए पूजा कराने जा रहे होते हैं। रास्ते में उनके दुश्मन फिर से हमला करते हैं, जिसमें सभी गाड़ियाँ टकरा जाती हैं और रोशनी के पिता की मौत हो जाती है। शुभम ये सब देखकर अपनी गाड़ी से बाहर आता है, तभी सिमरन उसे चेतावनी देते हुए कहती है, “इनसे मत उलझो, ये डॉन हैं। इनका यही काम है।”
तभी शुभम की नजर उस गाड़ी पर पड़ती है, जिसमें रोशनी होती है। वह रोशनी को बचाने के लिए दौड़ पड़ता है और उसे बचा लेता है। इस बीच, शुभम को काफी चोटें आती हैं। अरव के पिता उसकी मरहम-पट्टी करवा कर उसे अपने घर ले आते हैं।
शुभम रोशनी से मिलता है और उससे सारी बात पूछता है। रोशनी उसे सब बता देती है।Love Story in Hindi शुभम को यह सुनकर बहुत दुख होता है, लेकिन कहीं न कहीं उसे महसूस होता है कि शायद किस्मत ने उसे फिर से रोशनी से मिलवा दिया है। उस वक्त शुभम वहां से चला जाता है और सिमरन को अपनी और रोशनी की पूरी कहानी बताता है।
सिमरन चौंक कर कहती है, “क्या ये वही लड़की है?”
शुभम ने कहा, “हाँ, सिमरन। एक बार मैंने उसे खो दिया था, लेकिन अब दोबारा नहीं खो सकता।”
सिमरन को यह सुनकर दुख होता है, लेकिन वह उनके प्यार को समझती है।
Love Story in Hindi कुछ दिन बाद, अरव के पिता शुभम को बुलाकर कहते हैं, “हम उस दिन अरव की आत्मा की शांति की पूजा नहीं कर पाए, लेकिन आज हम जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि तुम हमारे साथ चलो।”
शुभम राजी हो जाता है और वे लोग पूजा के लिए निकल जाते हैं। पूजा के दौरान, फिर से गुंडे हमला कर देते हैं, और शुभम रोशनी को बचा लेता है। इस बीच, शुभम के भाई और पिता भी आ जाते हैं और शुभम का साथ देते हैं।
रोशनी के ससुर को यह बात अच्छी नहीं लगती कि उनकी बहू को कोई और बचा रहा है। तभी वे शुभम पर हमला करने की कोशिश करते हैं, लेकिन सिमरन उन्हें शुभम और रोशनी के प्यार के बारे में सब बता देती है।
शुभम, रोशनी को वहाँ से अपने साथ ले जाते हुए कहता है, “एक बार मैंने इसे रोते हुए छोड़कर गलती की थी, लेकिन अब इसे कभी नहीं छोड़ सकता।”
Love Story in Hindi शुभम, रोशनी को अपने साथ ले जाता है और अरव की फैमिली भी वहां से चली जाती है। आखिरकार, शुभम और रोशनी की शादी हो जाती है। शुभम के पिता और परिवार उसे बहुत प्यार देते हैं, और सभी हंसी-खुशी एक साथ रहने लगते हैं।
इस तरह सच्चे प्यार की जीत होती है, और शुभम और रोशनी को उनका प्यार मिल जाता है।
लेखक: माहेनूर