School Love Story
मेर्सी पब्लिक स्कूल की कहानी
School Love Story मेर्सी पब्लिक स्कूल, बुलंदशहर का एक जाना-माना विद्यालय था। इस स्कूल में अनेक छात्र-छात्राएँ अपनी पढ़ाई के सपनों को साकार करने के लिए आते थे। इसी स्कूल में दो प्रमुख छात्र, रोहित और आंचल, अपनी पढ़ाई में जुटे हुए थे।
School Love Storyसुबह का वक्त था और स्कूल के गलियारों में सन्नाटा पसरा हुआ था, क्योंकि सभी छात्र परीक्षा में व्यस्त थे। रोहित और आंचल भी अपनी-अपनी कक्षाओं में बैठकर ध्यान से पेपर हल कर रहे थे। पूरे कक्षा में एक अजीब सी शांति थी, लेकिन अंदर ही अंदर बच्चे एक-दूसरे की नकल करने की कोशिशों में लगे हुए थे।
इसी बीच, किसी छात्र ने नकल की पर्ची फेंकने की कोशिश की, लेकिन वह पर्ची आंचल के पास आ गिरी। आंचल के हाथ में वह पर्ची देखकर, कक्षा की अध्यापिका की नजरें अचानक उस पर पड़ गईं। School Love Storyवे तुरंत आंचल के पास आईं और गुस्से में बोलीं, “आंचल, यह क्या है? क्या तुम नकल कर रही हो?”
आंचल घबराते हुए बोली, “नहीं, मैम, कुछ नहीं है। ये मेरी पर्ची नहीं है।”
School Love Story उधर, रोहित जो इस सबको दूर से देख रहा था, उसकी चिंता बढ़ने लगी। उसे डर था कि कहीं यह घटना आंचल के साथ उसकी दोस्ती और उसके दिल में पल रही भावनाओं को खत्म न कर दे। वह सोचने लगा कि उसकी लव स्टोरी कहीं शुरू होने से पहले ही खत्म न हो जाए।
तभी घंटी बजती है और कक्षा समाप्त हो जाती है।
अगले दिन
School Love Story अगले दिन सुबह होते ही रोहित ने अपने दोस्त संजू को फोन किया। “संजू, आज आंचल जब भी स्कूल के लिए निकले, मुझे बता देना। आज मैं उससे अपने दिल की बात कहकर ही रहूंगा,” रोहित ने संजीदगी से कहा।
वहीं, अचानक उसकी दादी ने आवाज लगाई, “रोहित, क्या आज स्कूल नहीं जाएगा? स्कूल का वक्त हो गया है। फोन छोड़कर नाश्ता कर लो।”
रोहित ने फोन पर कहा, “जी, दादी, आ रहा हूँ,” और फिर संजू से बोला, “याद से मुझे उसके निकलने पर मिस कॉल कर देना,” कहकर उसने फोन काट दिया और नाश्ता करने चला गया।
रोहित की दादी उसे गुस्से में कहने लगीं, “अभी भी तुम्हें देर नहीं हो रही? स्कूल का वक्त हो गया है।”
School Love Story रोहित ने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे दादी, अभी तो भैया भी नहीं आए।” इसके बाद वे नाश्ता करके स्कूल के लिए निकलने लगे। जब वे स्कूल के बाहर पहुंचे, तो रोहित के भाई को एक लड़का आवाज देते हुए बुलाने लगा। वह उनका दोस्त था और उसने कहा, “गौरव, सुनो…” और फिर दोनों ने कोड वर्ड में बात करनी शुरू कर दी, “तुम्हारा दोस्त है मुंबई और पैसा…”
यह सब दूर खड़ा रोहित सुन रहा था, लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तभी उसके भाई ने उसे डांटते हुए स्कूल के अंदर जाने को कहा।School Love Story जैसे ही रोहित स्कूल के अंदर गया, संजू ने उसे आवाज लगाते हुए कहा, “कहाँ था यार तू? कब से तुझे मिस कॉल कर रहा हूँ और तुझे कोई फिक्र ही नहीं।”
रोहित ने थके हुए अंदाज में कहा, “अरे यार, क्या बताऊँ, आज तो मेरी कोई भी गलती नहीं थी। वो देख, हमारे गौरव भैया ये लेकर आए हैं आज हमको,” कहकर उसने इशारा किया।
संजू ने गौरव की ओर देखा और फिर पूछा, “अरे ये सुनिल से इतनी बातें क्यों कर रहे हैं वो?”
रोहित ने जवाब दिया, “अरे, वो दोनों बचपन के दोस्त हैं।”
“अरे, एक नंबर का जुआरी है ये! हां, सच में। यार, मैं झूठ क्यों बोलूंगा? पूरी कॉलोनी को खबर है।”
“अरे, ये कॉलोनी के लोग बहुत झूठे होते हैं। इधर की बात उधर, उधर की बात इधर कर देते हैं। ये सब बातें छोड़ो, ये बताओ अंचल कहाँ है?”
School Love Story तभी सामने से अंचल आती हुई दिखती है। उसे देखकर रोहित की धड़कन रुक सी जाती है। अंचल जैसे ही संजू और रोहित की तरफ बढ़ती है, तो रोहित उससे नज़रें चुराते हुए अपने जूते की लेस बांधने लगता है। तभी अंचल संजू से कहती है, “तुम लोगों ने अपना होमवर्क कर लिया?”
संजू हंसते हुए कहता है, “होमवर्क और हम? छी! समय पर होमवर्क करके क्या अपने ख़ानदान की नाक कटवानी है? और वैसे भी हम किसी दूसरे काम में बिजी थे।”
अंचल मुस्कुराते हुए कहती है, “अच्छा, ठीक है। हमारा ही किया हुआ है। तुम्हें चाहिए हो तो हमारा कॉपी कर लेना।”
संजू कहता है, “अरे वाह! आप तो बहुत बड़े दिल की हो अंचल।”
अंचल रोहित की तरफ देखते हुए बोलती है, “अगर तुम्हारे किसी दोस्त को भी करना हो, तो कर सकता है।”
संजू हंसते हुए जवाब देता है, “आप चिंता न करें, हमारे दोस्त तक बात पहुँच जाएगी।”
अंचल कहती है, “ठीक है, संजू। बाय बाय!”
संजू भी जवाब देता है, “बाय अंचल!”
School Love Story कुछ देर में उनकी क्लास शुरू हो जाती है और वो अपने क्लास में चले जाते हैं। रोहित क्लास में फोकस न करते हुए अंचल को प्यार भरी नजरों से देख रहा होता है। ये सब पूरी क्लास के साथ-साथ टीचर भी देख लेती हैं और रोहित से सवाल पूछने लगती हैं। रोहित उनका जवाब बहुत ही फनी तरीके से देता है, जिससे पूरी क्लास हंसने लगती है। टीचर सबको डांटते हुए बोलती हैं, “अपनी पढ़ाई पर फोकस करो।” थोड़ी देर बाद उनकी क्लास खत्म हो जाती है।
क्लास के बाद रोहित अंचल के पीछे भागता हुआ जाता है, पर वो निकल चुकी होती है। तभी उसका दोस्त कहता है, “ये मौका भी गया।”
बाहर रोहित का भाई उसे लेने आ जाता है। रोहित कहता है, “अब इनकी ही कमी थी।”
संजू रोहित से बोलता है, “कहीं तुम्हारा भाई सट्टा तो नहीं खेलने लगा? सारा दिन इस जुआरी के साथ रहता है।”
रोहित कहता है, “यार तुम भी कुछ भी! ऐसा कुछ नहीं है। मैं जा रहा हूँ, कल मिलते हैं।”
वो लोग घर के लिए निकल जाते हैं। रास्ते में गौरव गाड़ी रोक देता है।
संजू पूछता है, “क्या हुआ?”
गौरव कहता है, “आइसक्रीम खाते हैं।”
वो दोनों आइसक्रीम खा रहे होते हैं, तभी गौरव संजू से पूछता है, “क्या तुम्हारी स्कूल में कोई गर्लफ्रेंड है?”
संजू कहता है, “नहीं।”
गौरव फिर पूछता है, “किसी को लाइक करते हो?”
संजू थोड़ा झिझकते हुए कहता है, “हाँ, लाइक करते हैं।”
गौरव पूछता है, “कौन है वो?”
संजू जवाब देता है, “आपसे क्या मतलब?”
गौरव प्यार से कहता है, “प्यार से पूछ रहे हैं, बताओ।”
संजू थोड़ा गुस्से में कहता है, “प्यार से पूछो या गुस्से में, आप हमारी लाइफ में क्या इंटरफेयर कर रहे हो?”
गौरव हंसते हुए कहता है, “अरे, बड़े भाई हैं तुम्हारे, तुम्हारी ज़िंदगी पर हक बनता है मेरा।”
संजू जवाब देता है, “अच्छा, तो बड़े भाई हो तो ज़बरदस्ती दिखाओगे क्या? ये जो कुछ भी चल रहा है, बंद करो। अगर दोबारा पता चला तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा।”
रोहित वहां से गुस्से में सोचते हुए निकलता है कि इसे किसी ने तो हमारे बारे में बताया, लेकिन किसने?
वो घर पहुँच जाते हैं, तभी वहाँ मुनशी जी आए होते हैं और बोलते हैं, “गौरव बेटा, ये इस महीने का किराया है। अगले महीने की रसीद आप देना भूल गए थे।”
गौरव घबराते हुए कहता है, “वो… हम भूल गए थे। दोनों की साथ में दे देंगे।”
रोहित गौरव का परेशान चेहरा देखकर मन ही मन सोचता है, “ये इतना घबरा क्यों रहा है?”
तभी रोहित की दादी मुनशी जी से कहती हैं, “आपको एक काम दिया था, क्या हुआ उसका?”
मुनशी जी कहते हैं, “हो गया वो।” और फिर अपने बैग से एक गन निकालकर देते हुए बोलते हैं, “ये लीजिए।”
रोहित को कुछ भी समझ नहीं आता। तभी उसकी दादी, गौरव को गन देते हुए कहती हैं, “इसे तुम ऊपर अलमारी में रख दो।”
रोहित अपनी दादी से पूछता है, “दादी, ये गन क्यों?”
उसकी दादी जवाब देती हैं, “अब क्या करें, इतना बड़ा बिज़नेस है और गौरव को रात-बिरात बाहर जाना पड़ता है। उसकी सुरक्षा के लिए लेकर रखी है।”
अगले दिन स्कूल में…
School Love Story अगले दिन जब रोहित और अंचल स्कूल जाते हैं, तो रोहित सोच लेता है कि आज वो उसे प्रपोज करेगा। रोहित एक पेपर पर “I love you” लिखकर उसे अंचल की तरफ फेंक देता है। अंचल उस पेपर को उठाकर पढ़ती है, तभी टीचर की नजर उस पेपर पर पड़ जाती है। टीचर पूछती हैं, “अंचल, ये क्या है?”
School Love Story टीचर पेपर को अंचल के हाथ से छीन लेती हैं और रोहित को डांटते हुए कहती हैं, “ये क्या बदतमीज़ी है? पढ़ाई में मन नहीं लगता? कम से कम अपने भाई से कुछ सीख लेते, जो पढ़ाई और खेल दोनों में टॉप आता था।”
फिर टीचर उसे डांटते हुए क्लास से बाहर निकाल देती हैं।
क्लास खत्म होने के बाद, रोहित अंचल के पास जाकर बोलता है, “उस पेपर में जो कुछ भी लिखा था, वो मेरे मन की बात है। मतलब, I like you, I love you, मैं तुमसे प्यार करता हूँ।”
अंचल उसके प्रपोजल को स्वीकार कर लेती है और दोनों एक-दूसरे के गले लग जाते हैं। ये सब गऊरव देख लेता है और रोहित को वहाँ से ले जाता है।
रोहित ये सब अपने दोस्त संजू को बताता है। संजू उसे कहता है, “तुम परेशान मत हो, मुझे नहीं लगता कि गऊरव ये बात दादी जी को बताएगा।”
रोहित कहता है, “गऊरव जाए भाड़ में। पहले तो हम उस सनेल को भी छोड़ेंगे, उस जुआरी ने तुम्हारे नोट्स गऊरव को दे दिए। थर्ड क्लास आदमी है, छोड़ेंगे नहीं हम उसे।”
अगले दिन स्कूल मे
School Love Story रोहित और संजू स्कूल जाते हैं। जब वे लाइब्रेरी के बाहर पहुंचते हैं, तो देखते हैं कि सुनील कुछ कागज़ फाड़कर फेंक रहा है। दोनों चुपचाप उसे देखते रहते हैं। जैसे ही सुनील वहां से चला जाता है, वे दोनों उस कागज़ को उठाकर देखते हैं।
जैसे ही रोहित उस कागज़ को पढ़ता है, वह हैरान रह जाता है क्योंकि वह वही कागज़ था जिसमें मुंशी जी ने उस दिन किराए के पैसे दिए थे। उस कागज़ पर हिंदी में कुछ लिखा हुआ था, जिसे देखकर रोहित और भी अधिक चौंक जाता है।
शाम का वक्त
School Love Story शाम को घर में सब साथ मिलकर खाना खा रहे होते हैं और बातें कर रहे होते हैं। तभी गौरव की दादी उससे पूछती हैं, “तुम दोनों के बीच कुछ बात हुई है क्या?”
गौरव जवाब देता है, “नहीं, आप जानती हैं, इसका दिमाग तो ऐसे ही गर्म रहता है।”
रोहित की दादी, रोहित को समझाते हुए कहती हैं, “बेटा, अपना ध्यान पढ़ाई-लिखाई में लगाना, और जो भैया कहें, उसे मानना।”
खाना खत्म करने के बाद, सभी सोने के लिए चले जाते हैं।
अगले दिन सुबह
School Love Storyसुबह जब रोहित स्कूल जाता है, तो वह क्लास में देखता है कि आंचल नहीं आई हुई है। वह आंचल की दोस्त से पूछता है, तो वह कहती है, “पता नहीं, पर वह आज नहीं आई।” रोहित उसे स्कूल में न देखकर बहुत परेशान हो जाता है और स्कूल के बाद आंचल के घर के बाहर जाकर देखता है, पर आंचल वहां भी नजर नहीं आती।
तभी संजू और आंचल दोनों अपने घर आ जाते हैं। घर आकर रोहित आंचल को कॉल करता है, पर आंचल उसका कॉल नहीं उठाती। दो दिनों तक यही चलता रहता है। School Love Story तीसरे दिन जब वह स्कूल जाता है, तो देखता है कि आंचल स्कूल आई हुई है। उसे देखकर रोहित बहुत खुश हो जाता है। क्लास खत्म होते ही वह उससे बात करने की कोशिश करता है, लेकिन आंचल उसे नज़रअंदाज़ करते हुए क्लास से निकल जाती है।
रोहित फिर भी उसके पीछे जाता है और उसे रोककर बोलता है, “क्यों कर रही हो तुम मेरे साथ ऐसा?”
तभी आंचल कहती है, “रोहित, संभल जाओ। हमारा तुम्हारा कोई मेल नहीं है।”
रोहित: “ये तुमसे किसने कहा?”
School Love Story आंचल: “गौरव भैया आए थे हमारे घर। उन्होंने मम्मी-पापा को सब कुछ बता दिया और कहा कि हमारा तुम्हारा कोई मेल नहीं है। हम ठहरे नीची जात के लोग और तुम्हारी दादी का तो तुम्हें पता है, पिछली बार जो गुड़िया दीदी और अमरीश भैया के साथ हुआ था उसके बाद हम तुम्हारे परिवार से दुश्मनी नहीं ले सकते। रोहित, प्लीज चले जाओ यहां से।”
रोहित: “लेकिन आंचल, हम गौरव भैया से बहुत अलग हैं।”
School Love Story आंचल: “रोहित, प्लीज। हमारे पापा ने हमें वार्निंग दी है, अगर उन्हें कुछ भी पता चला तो वे हमारी शादी करवा देंगे। प्लीज, चले जाओ यहां से।”
इसी बीच, गौरव साक्षी को पसंद करता है, जो उसकी पड़ोसन के साथ-साथ रोहित की टीचर भी थी। दोनों चुपके से मिलते हैं। साक्षी, गौरव से कहती है, “तुमने रोहित के साथ ऐसा क्यों किया? क्या तुम्हें आंचल पसंद नहीं?”
गौरव: “अरे नहीं यार, ऐसी बात नहीं है। बस हम नहीं चाहते कि रोहित कोई भी मुसीबत में पड़े।”
साक्षी: “अच्छा, जैसे मैं तुम्हारे लिए मुसीबत हूं?”
School Love Story गौरव हंसते हुए: “अरे पागल, तुम मुसीबत नहीं, हमारी ज़िंदगी हो। पर तुम तो जानती हो कि यहां का माहौल कैसा है। हमारी अपनी दादी उसे जान से मार देंगी अगर पता चल गया तो। हम अपनी जान पर खेल सकते हैं, लेकिन रोहित की नहीं।”
साक्षी गौरव से कहती है, “मुझे पता है कि तुम रोहित का भला चाहते हो, लेकिन इस तरह से तो वो तुमसे नफरत करने लगेगा।”
गौरव: “तो तुम ही बताओ साक्षी, हम क्या करें?”
साक्षी कहती है, “तुम कहो तो मैं रोहित से बात करके उसे समझा सकती हूँ।”
गौरव: “नहीं साक्षी, तुम रहने दो।”
साक्षी: “अच्छा सुनो, कल हम सुनील से मिले थे। वह कह रहा था कि उसका एक दोस्त है मुंबई में, वह हमारी मदद करेगा। और पैसे… कुछ पैसे दिए हैं हमने उसको, मुंबई में
रहने के लिए घर और ट्रेन का टिकट।”
गौरव: “हमें अच्छा नहीं लग रहा कि तुम्हें अपने घर से पैसे चुराने पड़ रहे हैं।”
साक्षी: “अब और कोई रास्ता भी नहीं है हमारे पास। नए शहर में नई शुरुआत करने जा रहे हैं, पैसे तो चाहिए होंगे ना।”
साक्षी घबराते हुए गौरव से: “हमारे यहां से जाने के बाद हमारे पिताजी को कोई खतरा तो नहीं होगा?”
साक्षी: “हमें लगता है कि हमें एक बार अपने-अपने घर में बात करनी चाहिए। क्या पता वे मान जाएं और तुम्हारी दादी तो तुमसे बहुत प्यार करती हैं, क्या पता वे मान जाएं और हमें अपना लें।”
गौरव: “नहीं साक्षी, वे कभी नहीं मानेंगी। हमारी दादी के लिए जात-बिरादरी, उनके उसूल, ये सब पहले हैं। वे हमारे प्यार को नहीं समझ सकतीं, और हम नहीं चाहते कि रोहित भी समझे।”
उसी दिन रात में
School Love Story रात में रोहित, गौरव के कमरे में आकर उसकी तलाशी लेता है, लेकिन उसे कुछ नहीं मिलता। जैसे ही वह जाने वाला होता है, गौरव के पास सुनील का मैसेज आ जाता है, जिसे रोहित पढ़ लेता है। रोहित, मोबाइल वापस रखकर जाने की कोशिश करता है, तभी गौरव बाथरूम से बाहर आकर पूछता है, “यहां क्या कर रहे हो?”
रोहित बहाना बनाता है और वहां से चला जाता है। गौरव सुनील का मैसेज देखता है और तुरंत उसे कॉल करता है। उनकी बातें बाहर खड़े होकर रोहित सुन लेता है।
अगले दिन सुबह
School Love Story रात में, रोहित गौरव के कमरे में जाकर उसकी तलाशी लेने लगता है, लेकिन उसे कुछ नहीं मिलता। जैसे ही वह वहां से जाने लगता है, गौरव के पास सुनील का मैसेज आ जाता है, जिसे रोहित पढ़ लेता है। रोहित, मोबाइल वापस रखकर जाने की कोशिश करता है, तभी गौरव बाथरूम से बाहर आकर पूछता है, “यहां क्या कर रहे हो?”
School Love Story रोहित बहाना बनाता है और वहां से चला जाता है। गौरव सुनील का मैसेज देखता है और तुरंत उसे कॉल करता है। उनकी बातचीत बाहर खड़े होकर रोहित सुन लेता है।
अगले दिन सुबह:
रोहित अपनी दादी के पास जाकर उनके पैर छूता है और पूछता है, “दादी, आप कल कितने बजे आईं?”
दादी: “कल हमें देर हो गई थी। तुम्हारे कमरे की लाइट बंद थी तो हम भी जाकर सो गए थे।”
रोहित: “अच्छा, दादी, गौरव भैया नहीं दिख रहे, कहाँ गए?”
दादी: “वह तो सुबह-सुबह ही मुसबाहग चला गया। एक-दो दिन में लौट आएगा।”
रोहित: “अच्छा, किस काम से गया है?”
दादी (गुस्से में): “वह किसी काम से गया होगा, तुम्हारी तरह नहीं जो सारा दिन नक्कारी करते हो।”
रोहित (गुस्से में): “क्या आप जानती हैं वह ‘जरूरी काम’ क्या है? जुआ है!”
दादी (आश्चर्यचकित होकर): “यह क्या बकवास कर रहे हो?”
रोहित: “बकवास नहीं कर रहा, सच कह रहा हूं। मैंने खुद देखा है उसे सुनील के साथ।”
School Love Story रोहित, दादी को गौरव और सुनील की सारी बातें बता देता है। दादी गुस्से में आकर मुन्शी जी को आवाज़ लगाती हैं और कहती हैं, “मुन्शी जी, अपने किसी आदमी को बोलिए कि इस सुनील त्रिपाठी को यहाँ उठाकर लाएं।”
मुन्शी जी: “जी मलकिन, जो हुक्म।”
School Love Story दूसरी ओर, गौरव सुनील को कॉल कर रहा होता है, लेकिन उसका फोन बंद होता है। वह साक्षी से कहता है, “ना जाने ये सुनील कहाँ रह गया। 4 बजे कहा था, 5 बज गए और इसका कोई पता नहीं।”
गौरव: “साक्षी, एक काम करते हैं, हम यहाँ से निकलते हैं।”
साक्षी: “लेकिन हम जाएंगे कहाँ? हमारी तो टिकट भी उसके पास है।”
गौरव: “लेकिन हमें अभी यहाँ से निकलना होगा। जब उसका कॉल लगेगा, तो उसे स्टेशन पर बुला लेंगे।”
School Love Storyवो लोग निकल ही रहे होते हैं कि सामने उनकी दादी, सुनील, रोहित, और मुन्शी जी के साथ खड़ी होती हैं। उन्हें वहां देखकर गौरव और साक्षी घबरा जाते हैं। साक्षी, गौरव की दादी से माफी मांगती है, लेकिन दादी उसे जोरदार थप्पड़ मार देती हैं।
गौरव (गुस्से में): “ये क्या किया आपने, दादी?”
दादी (गौरव से): “आज हमको दादी मत कहना। तुमने पूरे समाज में मेरी नाक कटवा दी।”
दादी अपने आदमियों को आदेश देती हैं: “इन दोनों को गाड़ी में डालकर घर ले आओ।”
साक्षी के पिता (राजेश जी) अपनी बेटी की गलती की माफी मांगते हुए कहते हैं, “इसे माफ कर दें, हम इसे घर से बहुत दूर भेज देंगे, इसकी परछाई भी नहीं पड़ेगी।”
School Love Storyदादी (गुस्से में): “राजेश, इसकी परछाई तो हमारी आँखों के सामने सारी ज़िंदगी पड़ी रहेगी। कैसे नाम डुबोया, कैसे कलंक लगाया, बिरादरी का बच्चा-बच्चा हम पर हंसेगा। किसी से आँख मिलाने लायक भी नहीं छोड़ा।”
साक्षी (गौरव से): “गौरव, हमें लगता है कि हमें एक बार अपने-अपने घर में बात करनी चाहिए। क्या पता वे मान जाएं और तुम्हारी दादी से बहुत प्यार करती हैं, क्या पता वे मान जाएं और हमें अपना लें।”
गौरव: “नहीं साक्षी, वे कभी नहीं मानेंगी। हमारी दादी के लिए जात-बिरादरी, उनके उसूल ये सब पहले हैं। वे हमारे प्यार को नहीं समझ सकतीं, और हम नहीं चाहते कि रोहित भी…”
(रोहित दादी से): “दादी, प्लीज रोक लीजिए इन्हें, भैया मर जाएंगे।”
दादी (रोहित से): “जान चली जाए पर मान-मर्यादा से बढ़कर कुछ नहीं। ले जाओ इन दोनों को और जान से मार दो।”
School Love Story(रोहित की दादी के आदेश पर): “ये सब रोहित देख नहीं पा रहा था। उसे उस गन की याद आती है जो उसकी दादी ने गौरव को अलमारी में रखने के लिए दी थी। वह उस गन को लेने जाता है और गन लेकर अपनी दादी के सिर पर लगा देता है और कहता है, “छोड़ दो इन्हें, अगर गौरव भैया को किसी ने भी कुछ किया तो इन्हें जान से मार देंगे।”
दादी (रोहित से): “तुम इनके साथ हो रहे हो, जिन्होंने हमारी मान-मर्यादा को मिट्टी में मिला दिया।”
रोहित: “कैसी मान, कैसी मर्यादा, दादी? अगर बेटे को मारने से इज़्ज़त मिलेगी, तो नहीं रहना हमें ऐसी बिरादरी में।”
दादी: “रोहित, हट जाओ मेरे रास्ते से, वरना हम भूल जाएंगे कि तुम हमारे पोते हो।”
रोहित: “अरे, भूल जाइए और मार डालिए हमें भी। क्या फायदा ऐसी ज़िंदगी का? नहीं चाहिए ये जीवन, नहीं चाहिए कोई झूठी शान।”
रोहित: “ठीक ही कह रहे हम, दादी। आपने हमें पाला-पोसा, बड़ा किया। एक बार सोचकर तो देखिए, अपनी आँखों से इस पर्दे को हटाकर तो देखिए। साक्षी दीदी को बचपन से आपने इतना प्यार दिया, और जब भैया ने उन्हें इस घर का हिस्सा बनाना चाहा, तो आपने उन्हें पल भर में नीची जात का दिखा दिया। आज आप इस तरह नफरत करने लगीं कि आप इनकी शक्ल तक देखना नहीं चाहतीं। दादी, आपको इन रीति-रिवाज़ों ने खोखला कर दिया है।”
रोहित: “हम बस पापा के बनाए हुए उसूल पर चल रहे हैं, दादी। हमने पिताजी को देखा नहीं और ना ही वो हमें याद हैं। लेकिन इतना ज़रूर जानते हैं कि आज अगर वो होते, तो अपने बनाए हुए सभी उसूलों को वक्त के साथ बदल देते। आपने ही बताया था हमें कि वो उसूल के पक्के थे, लेकिन दिल के बहुत अच्छे थे। और आपने ही बताया था कि जब गौरव भैया को एक खरोंच भी आती थी, तो वो सारा घर सिर पर उठा लेते थे। और आज आपने उन्हें मारने का फैसला सुना दिया। गौरव भैया को छोड़ दो, वरना हम गोली मार देंगे।”
(तभी रोहित और उसकी दादी एक-दूसरे से गन छीनने लगते हैं, और गन चल जाती है। गन से निकली गोली रोहित को लगती है।)
रोहित की दादी ये देखकर बहुत रोती हैं और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया जाता है। वहाँ रोहित का इलाज होता है। कुछ वक्त के बाद उसे होश आ जाता है। रोहित की दादी उसे होश में देखकर बहुत खुश होती हैं।
साक्षी, गौरव, रोहित, और राजेश जी सबसे माफी मांगते हैं और साक्षी को अपने घर की बहू बनाने का फैसला करती हैं। सभी खुश होते हैं। तभी वहाँ संजू आता है और कहता है, “रोहित, तुमसे कोई मिलने आया है।”
रोहित देखता है तो आंचल उसे मिलने आई होती है। गौरव, दादी को रोहित और आंचल के रिश्ते के बारे में बताता है। दादी उसे भी गले से लगा लेती हैं और दोनों की शादी करवा देती हैं।
सब हंसी-खुशी रहने लगते हैं। ❣️