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Stories For Love In Hindi

Stories For Love In Hindi

Stories For Love In Hindi हितेश नाम का एक लड़का था, जो एक बहुत ही बड़े आदमी का बेटा था। हितेश के पिता के पास बहुत पैसा था और हितेश को अपने बाप के पैसों का बहुत घमंड था। वह हमेशा अपने पिता की दौलत पर इतराता और गुरूर करता था। उसके बहुत सारे दोस्त थे, लेकिन वे दोस्त सिर्फ उसके पैसे के कारण उसके साथ रहते थे। हितेश का हर रोज़ का काम सिर्फ दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करना, देर रात तक पार्टियों में जाना होता था।

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विश्वविद्यालय

एक दिन जब हितेश विश्वविद्यालय जाता है, तो उसकी नज़र गेट से आती हुई एक लड़की पर पड़ती है, जिसका नाम स्वाति होता है। स्वाति एक मिडिल क्लास परिवार से थी।Stories For Love In Hindi उसके परिवार में माता-पिता और दो बहनें थीं। स्वाति को बचपन से पढ़ाई का बहुत शौक था। वह पढ़ाई करके अपने पिता की ज़िम्मेदारियों को कम करना चाहती थी, इसीलिए उसने इस विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था।

जब हितेश ने उसे देखा, तो वह अपने दोस्तों के साथ उसकी रैगिंग करने चल पड़ा। रैगिंग के दौरान पहले हितेश ने स्वाति के साथ बदतमीजी की, फिर उसका दुपट्टा छीन कर अपने गले में डाल लिया। हितेश और उसके दोस्तों ने स्वाति को गोल घेरा बनाकर घेर लिया था। Stories For Love In Hindi जब स्वाति ने दुपट्टा वापस माँगा और हितेश ने नहीं दिया, तब स्वाति ने उसे सबके सामने जोरदार थप्पड़ मारा और दुपट्टा छीनते हुए कहा, “अगर किसी अच्छे माँ-बाप की परवरिश होती तो यूँ किसी लड़की की इज़्ज़त का तमाशा नहीं बनाते।”

Stories For Love In Hindi यह सब देखकर विश्वविद्यालय के सभी छात्र हैरान थे, क्योंकि वह विश्वविद्यालय हितेश के पिता का था। सभी आपस में बातें करने लगे कि अब स्वाति को निकाल दिया जाएगा। हितेश गुस्से में स्वाति को देख रहा था, तभी उसका एक दोस्त बोला, “ओ मैडम, यहाँ परवरिश की बात कहाँ से आ गई? यह तो हम सिर्फ नए छात्रों की रैगिंग कर रहे थे, वही तुम्हारे साथ किया।”

स्वाति गुस्से में बोली, “अच्छा, इसे तुम रैगिंग बोलते हो?Stories For Love In Hindi अगर इस तरह की घटिया रैगिंग करते हो, तो मुझे उम्मीद है कि मेरे इस थप्पड़ के बाद तुम सब रैगिंग के नाम से डरोगे।”

यह कहकर स्वाति क्लास में चली जाती है। क्लास में भी हितेश उसे गुस्से से देखता है। जब स्वाति की नज़र उस पर पड़ती है, तो वह अपनी नज़रें हटा लेता है। क्लास खत्म होने के बाद सभी अपने-अपने घर चले जाते हैं।

स्वाति का घर

Stories For Love In Hindi जब स्वाति अपने घर पहुँचती है, तो उसकी छोटी बहन बहुत उत्साहित होती है। वह स्वाति से पूछती है, “दी, बताओ ना, विश्वविद्यालय में कैसा रहा? आप बहुत बड़ी हो गई होंगी, क्या आपने कोई नए दोस्त बनाए?”

स्वाति उसे जवाब देती है, “बस ठीक ही था। अभी कोई दोस्त नहीं बने, बल्कि वहाँ मेरा झगड़ा हो गया।”

यह सुनकर उसकी बड़ी बहन कहती है, “स्वाति, तूने वहाँ भी लड़ाई शुरू कर दी?”

स्वाति बोलती है, “दी, मैंने नहीं की, वो लोग रैगिंग कर रहे थे।”

उसकी बहन कहती है, “स्वाति, हर जगह होता है, लेकिन क्या कोई दुपट्टा छीन लेता है?”

स्वाति कहती है, “अच्छा दी, अब छोड़ो, मुझे बहुत भूख लगी है, कुछ खाने को दे दो।”

Stories For Love In Hindi तभी उसकी दीदी उसके लिए खाना लेकर आती है। रात को स्वाति पढ़ाई कर रही होती है और पढ़ते-पढ़ते वह सोचती है, “इतने बड़े विश्वविद्यालय में भी इतने बदतमीज लोग होते हैं। खैर, मैंने उन्हें अच्छा जवाब दिया।”

वह खुद से बातें करते-करते सो जाती है।

अगले दिन सुबह…

Stories For Love In Hindi स्वाति की माँ स्वाति के कमरे में आती हैं और कहती हैं, “स्वाति बेटा, जल्दी से तैयार हो जाओ। तुम्हारे पिताजी नीचे तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। जल्दी नाश्ता करो, विश्वविद्यालय नहीं जाना है?”

स्वाति जल्दी से उठकर फ्रेश हो जाती है और अपने पापा के साथ विश्वविद्यालय पहुँच जाती है। जैसे ही वह विश्वविद्यालय के अंदर जाती है, कुछ लड़कियाँ आकर स्वाति का रास्ता रोक लेती हैं और बोलती हैं,Stories For Love In Hindi “यार, हितेश जैसे बंदे को तूने जोरदार थप्पड़ मार दिया। बहुत बढ़िया किया! जिससे कोई ढंग से बात नहीं करता था, उसे तूने थप्पड़ मार दिया, मान गए तुझे!”

स्वाति हंसते हुए जवाब देती है, “हाँ, जब औकात में रहने वाले लोग औकात से बाहर आ जाते हैं, तो उन्हें सबक सिखाना ज़रूरी हो जाता है।”

दूर बैठा हितेश यह सब सुन रहा होता है। तभी वह मन में सोचता है, “मेरी औकात की बात कर रही है? औकात क्या है, ये तुझे मैं बताऊंगा!” यह सोचकर वह भी क्लास में चला जाता है। Stories For Love In Hindi क्लास में जाने के बाद वह स्वाति के ठीक बगल में बैठ जाता है और क्लास अटेंड करता है। क्लास खत्म होने के बाद जब सभी छात्र बाहर जाने लगते हैं, तभी हितेश स्वाति को रोककर उससे अपने किए की माफी मांगता है।

स्वाति उस समय बिना कुछ बोले अपने घर चली जाती है। घर जाकर वह अपनी बहनों को हितेश की माफी के बारे में बताती है। उसकी दीदी उसे समझाती है, “स्वाति, उसे माफ़ कर देना चाहिए क्योंकि उसे अपनी गलती का एहसास हो गया है।”

अगले दिन जब स्वाति विश्वविद्यालय जाती है, Stories For Love In Hindi तो क्लास अटेंड करने के बाद वह लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रही होती है। तभी वहाँ हितेश आता है और कहता है, “यार, प्लीज़ मुझे माफ कर दो। आई प्रॉमिस, अब ऐसी गलती मुझसे कभी नहीं होगी।”

स्वाति उसे माफ कर देती है और धीरे-धीरे दोनों अच्छे दोस्त बन जाते हैं। धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल जाती है, और उन्हें खुद भी पता नहीं चलता।

स्वाति का जन्मदिन

Stories For Love In Hindi स्वाति के जन्मदिन वाले दिन जब वह विश्वविद्यालय जाती है, तो देखती है कि पूरी विश्वविद्यालय और उसकी क्लास फूलों से सजी हुई है। वह यह देखकर हैरान हो जाती है। जब वह क्लास में जाती है, तो उस पर फूलों की बारिश होने लगती है। सभी उसे जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हैं। वह इस सरप्राइज़ से बहुत खुश होती है, पर उसे कहीं भी हितेश नजर नहीं आता।

जब वह हितेश के दोस्तों से पूछती है, तभी हितेश एक गुलाब के बुके के साथ आता है और घुटनों के बल बैठकर उसे जन्मदिन की बधाई देता है। यह देखकर स्वाति बहुत खुश हो जाती है। फिर हितेश अपनी जेब से एक अंगूठी निकालता है और उसे शादी के लिए प्रपोज़ करता है। Stories For Love In Hindi यह देखकर स्वाति बहुत ज़्यादा प्रभावित होती है और उसका प्रपोज़ल स्वीकार कर लेती है। वह उसे जोर से गले लगा लेती है, और सभी मिलकर इस दिन का भरपूर आनंद लेते हैं। हितेश स्वाति को उसके घर तक छोड़ देता है।

स्वाति को उस रात इतनी खुशी होती है कि वह सारी रात अपने और हितेश के बारे में ही सोचती रहती है। स्वाति के पिता बहुत सख्त होते हैं, इसलिए स्वाति के पास मोबाइल फोन नहीं होता।

अगले दिन

Stories For Love In Hindi अगले दिन जब स्वाति विश्वविद्यालय जाती है, तो वे दोनों मिलते हैं और बहुत सारी बातें करते हैं। तभी हितेश स्वाति को एक गिफ्ट देता है। स्वाति कहती है, “अब ये क्या है? कल वैसे ही तुमने मुझे बहुत कुछ दिया।”

हितेश कहता है, “अरे बाबा, ओपन तो करो।”

स्वाति जब उसे खोलती है, तो देखती है कि हितेश उसके लिए एक आईफोन लेकर आया है। स्वाति बोलती है, “हितेश, ये मैं नहीं ले सकती। एक तो बहुत महंगा है और दूसरा, तुम्हें पता है, हमारे घर में मोबाइल अलाउड नहीं है।”

हितेश कहता है, “अरे यार, स्वाति, मुझे तुमसे बात करने का मन करता है और तुम्हारे पास मोबाइल नहीं है। तुम इसे छुपाकर रखना।”

स्वाति कहती है, “अच्छा ठीक है, काफी देर हो गई है, अब मुझे चलना चाहिए।”

स्वाति खुशी-खुशी अपने घर आती है। वहां उसकी माँ उसके देर से आने पर परेशान होती हैं। जैसे ही स्वाति दरवाजा खोलती है, उसकी माँ गुस्से से कहती हैं, “बेटा, तुम्हें पता है, तुम्हारे पापा चाहते हैं Stories For Love In Hindi कि उनके आने से पहले तुम घर आ जाया करो। अगर वे आ जाते, तो सारा घर सिर पर उठा लेते।”

स्वाति अपना बैग रखती है और कहती है, “उफ़्फ़ो माँ, अब आ गई हूँ न! जल्दी से कुछ खाने को दे दो, बहुत तेज भूख लगी है।”

Stories For Love In Hindi स्वाति की माँ जा ही रही होती हैं कि उसके पिता भी आ जाते हैं। वे सब मिलकर खाना खाते हैं, तभी स्वाति का मोबाइल रिंग करने लगता है। सब चौंक जाते हैं। यह देखकर उसकी माँ पूछती हैं, “ये किसके फोन की आवाज़ है? हमारे घर में तो बाबा के सिवा किसी के पास फोन नहीं है।”

स्वाति की माँ आवाज़ को सुनते हुए स्वाति के बैग के पास जाती हैं और कहती हैं, “बेटा, ये आवाज़ तुम्हारे बैग से आ रही है।”

स्वाति डर जाती है। जैसे ही वह बैग खोलती है, उसके बैग से मोबाइल निकलता है। यह देखकर सब shocked हो जाते हैं। स्वाति की माँ उससे सवाल-जवाब करते हुए कहती हैं, “कहाँ से आया ये फोन? और इतना महंगा फोन क्यों है?”

स्वाति डर जाती है और झूठ बोल देती है, “ये फोन मेरी दोस्त का है, क्लास के समय उसने दिया था रखने को, और मैं लेना भूल गई। कल वापस कर दूंगी।”

कहकर वह मोबाइल लेकर अपने कमरे में चली जाती है। देर रात वह हितेश से बातें करती है और उसे सब बताती है। हितेश कहता है, “अरे मेरी जान, कल मैं तुम्हें इसका इस्तेमाल करना सिखा दूंगा। ठीक है, अब सो जाओ।”

अगले दिन हितेश उसे फोन इस्तेमाल करना सिखा देता है। Stories For Love In Hindi इस तरह वे काफी देर तक बातें करते रहते हैं और उनकी मोहब्बत बढ़ती जाती है। एक दिन हितेश और स्वाति के दोस्त की बर्थडे पार्टी होती है। स्वाति अपनी बहन की मदद से झूठ बोलकर उस पार्टी में जाती है। रात ज्यादा हो जाती है, इस वजह से हितेश उसे घर ड्रॉप करने आता है, और यह सब स्वाति के पिता देख लेते हैं…

अगले दिन दोपहर में

Stories For Love In Hindi जब स्वाति विश्वविद्यालय से आती है, तो घर में कुछ अलग देखती है और पूछती है, “अरे माँ, आज तो बड़ी रौनक लग रही है, कोई आ रहा है क्या?”

तभी उसके पिता कहते हैं, “हाँ, आज तुम्हें देखने लड़के वाले आ रहे हैं।”

यह सुनकर स्वाति के पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है। वह कहती है, “ये क्या बात है माँ? अभी दी की शादी नहीं हुई और आप लोग मेरी शादी कैसे कर सकते हैं?”

उसके पिता जवाब देते हैं, “वो इसलिए, बेटा, क्योंकि मेरे दोस्त खुराना का बेटा राजीव तुम्हें बहुत पसंद करता है और वे तुम्हें अपनी बहू बनाना चाहते हैं।”

स्वाति बहुत कोशिश करती है कि वे मान जाएँ, लेकिन उसके माता-पिता नहीं मानते। कुछ देर बाद मेहमान आ जाते हैं, और बात पक्की हो जाती है। Stories For Love In Hindi तब स्वाति अपने घर में अपने और हितेश के बारे में बता देती है। स्वाति के पिता उससे कहते हैं, “अगर वो सच में तुमसे प्यार करता है, तो बोलो कि अपने माँ-बाप को रिश्ता लेकर भेजे। अगर वो आ गए, तो मैं वहीं तुम्हारी शादी कर दूंगा। और अगर नहीं आए, तो तुम्हें राजीव से शादी करनी होगी।”

अगले दिन स्वाति विश्वविद्यालय में हितेश से सारी बातें बताती है और कहती है, “हितेश, तुम मेरे घर रिश्ता भेजो।”

Stories For Love In Hindi हितेश जोर-जोर से हंसने लगता है और उसका हाथ पकड़कर ग्राउंड में ले जाता है। वहां वह सबके सामने हंसते हुए कहता है, “देखो सब लोग, ये लड़की पागल हो गई है! बोल रही है मुझसे शादी करो! अरे कोई इसे बताओ, ये मेरी जिंदगी की पहली लड़की नहीं है जिसे मैंने प्रपोज़ किया हो। और मैं तुम जैसी low class लड़की से शादी? हाहाहा, कभी नहीं!”

स्वाति हैरान होकर कहती है, “हितेश, ये क्या कह रहे हो?”

Stories For Love In Hindi हितेश जवाब देता है, “जो तुम सुन रही हो। अरे, मैं कभी किसी से प्यार नहीं कर सकता। ये सब मैंने तुमसे अपने थप्पड़ का बदला लिया है।”

तभी स्वाति उसे फिर से एक जोरदार थप्पड़ मारती है और कहती है, Stories For Love In Hindi “तुमने अच्छा नहीं किया मेरे साथ। याद रखना, तुम्हारे पास दुनिया की हर खुशी होगी, मगर सच्चे प्यार के लिए तुम तरस जाओगे।”

यह कहकर वह वहां से चली जाती है और घर जाकर राजीव से शादी के लिए हाँ कह देती है। धीरे-धीरे समय बीतता है और हितेश को स्वाति की बातें दिल पर लगने लगती हैं।Stories For Love In Hindi उसे एहसास होता है कि उसे स्वाति से प्यार था। वह फिर से अपनी मोहब्बत का इज़हार करता है, लेकिन स्वाति उसकी बातों पर यकीन नहीं करती। उसे लगता है कि इस बार भी हितेश कोई घटिया खेल खेल रहा है। वह उसे मना करके चली जाती है। 

रात का वक्त

Stories For Love In Hindi आज रात 7th Sky में एक पार्टी होती है, जिसे राजीव ने स्वाति के लिए आयोजित किया होता है। वहीं हितेश भी अपने दोस्तों के साथ पार्टी में आता है। हितेश का दोस्त स्वाति को देखता है और कहता है, “अरे देखो, स्वाति आई है अपने मंगेतर के साथ।”

हितेश चौंककर पूछता है, “मंगेतर? हां, उसकी शादी होने वाली है, अगले हफ्ते उसकी हल्दी है।”

“क्या?” हितेश आश्चर्य से बोलता है।

“हां, सबको ये बात पता थी, उसने तुम्हें भी बताया था।”

“हां, बताया था, पर ये सब इतनी जल्दी होगा, ये नहीं पता था।”

Stories For Love In Hindi हितेश स्वाति के करीब राजीव को देखता है और उसे गुस्सा आ जाता है। वह अपने हाथ में पकड़ा हुआ ड्रिंक का गिलास तोड़ लेता है। ये सब स्वाति देख लेती है और उसे बहुत दर्द होता है। वो खुद को संभालती है और राजीव का हाथ पकड़कर वहां से जाने लगती है। राजीव का हाथ स्वाति के हाथ में देखकर हितेश खुद को रोक नहीं पाता और स्वाति के घर के बाहर जाकर खड़ा हो जाता है।

स्वाति अपने बालकनी से देख रही होती है कि हितेश तेज़ बारिश में खड़ा है और माफी मांग रहा है। तभी स्वाति नीचे आती है और उसे समझाने लगती है,Stories For Love In Hindi “अब तुमने बहुत देर कर दी, मेरी शादी राजीव से हो रही है। मेरी बात मानो और यहां से चले जाओ, क्योंकि मैं अब तुम्हारे किसी झूठ में नहीं आऊंगी।”

हितेश बोलता है, “स्वाति, मेरी बात का यकीन करो, इस बार मैं नहीं खेल रहा। मुझे एहसास हो गया है कि मैं तुमसे सच्चा प्यार करता हूँ। मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता।”

स्वाति कहती है, “पर अब बहुत देर हो चुकी है, कल मेरी हल्दी है।”

तभी हितेश जवाब देता है, “जब तक तुम मेरे प्यार को स्वीकार नहीं करोगी, मैं यहां से नहीं जाऊंगा।”

हितेश तेज़ बारिश में भीगता रहता है, और सुबह जब बारिश हल्की होती है तो स्वाति बालकनी से बाहर आती है और देखती है कि हितेश तेज़ बारिश में कांप रहा होता है। Stories For Love In Hindi वो उसके लिए एक शॉल लेकर आती है और उसे ओढ़ाते हुए कहती है, “मुझे तुम्हारे प्यार का एहसास हो गया है। मुझे यकीन हो गया है कि तुम मुझसे सच्चा प्यार करते हो, लेकिन मुझे समझने की कोशिश करो। अब मैं पीछे नहीं हट सकती, ये मेरे मां-बाप की इज्जत का सवाल है। प्लीज मुझे भूल जाओ, और अगर सच में मुझसे मोहब्बत करते हो तो वापिस मत लौट कर आना।”

ये सब स्वाति की मां देख लेती हैं। हितेश वहां से चला जाता है, लेकिन स्वाति अपनी मां के गले लगकर रोती है। हल्दी की रस्म के बाद, शादी वाले दिन, जब स्वाति दुल्हन बनकर बैठी होती है, Stories For Love In Hindi तभी हितेश के दोस्त का फोन आता है। वो बताता है कि हितेश का एक्सीडेंट हो गया है। इसी बीच, स्वाति की बारात आ जाती है। उसकी मां ये सब सुन लेती हैं और स्वाति के सामने हाथ जोड़ लेती हैं।

Stories For Love In Hindi स्वाति अपने मां-बाप की इज्जत के खातिर मजबूर होकर मंडप की तरफ जाने लगती है। वो अपनी बहनों के साथ मंडप की ओर बढ़ रही होती है, तभी उसकी मां उसे रोकते हुए कहती हैं, “स्वाति, बेटा, मुझे माफ कर दो। मैं कुछ पल के लिए खुदगर्ज हो गई थी, लेकिन अब मुझे समझ आ गया कि तुम्हें हितेश से ज्यादा खुश और कोई नहीं रख सकता। इसलिए तुम वहीं जाओ, जहां तुम्हारी मोहब्बत है।”

स्वाति दुल्हन बनकर अस्पताल जाती है और हितेश से मिलती है। वह उससे कहती है, “देखो, मैं वापस आ गई हूँ। तुम जीत गए हितेश, हमारा प्यार जीत गया।”

और इस तरह उन्हें उनका सच्चा प्यार मिल जाता है।

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निष्कर्ष: अगर प्यार सच्चा हो, तो दुनिया की कोई ताकत आपको जुदा नहीं कर सकती।

लेखिका: माहेनूर

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